बिहार : वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी की गोल्डन जुबली समारोह - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 5 दिसंबर 2017

बिहार : वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी की गोल्डन जुबली समारोह

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बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी के अध्यक्ष हैं पटना डायोसिस के आर्क बिशप विलियम डिसूजा और  विकर जनरल फादर  प्रेम प्रकाश हैं  सचिव. सेवा केंद्र के निदेशक हैं फादर अमल राज एस. कल 6 दिसम्बर 2017 को बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी की गोल्डन जुबली समारोह है. सेवा केंद्र के निदेशक फादर अमल राज व्यस्त हैं. काफी व्यस्तता के बावजूद साक्षात्कार देने को राजी हो गये. फादर अमल राज कहते हैं कि बचपन से ही समाज सेवा करने की भावना रही है.दक्षिण भारत के तमिलनाडू के रहने वाले हैं. ऐसे रोमन कैथोलिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं जहाँ प्रारंभ से ही परिवार में समाज सेवा की परम्परागत शिक्षा दी जाती है.फादर को सामाजिक सेवा कार्य करने को प्रेरित किया.वहीं व्यक्तिगत रूप से ब्रहम्चर्य  पुरोहित जीवन जीने का निर्णय लिया.इनकी ईशशास्त्र की दीक्षा प्राप्त करने के उपरांत पुरोहित बनें. हां मास्टर ऑफ सोशल वर्क की अध्ययन पूर्ण करने के बाद 6 वर्षों से बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी,  सेवा केंद्र के निदेशक हैं.राउण्ड द क्लॉक जरूरतमंद लोगों की सेवा करने में तत्पर रहते हैं.

फादर का लक्ष्य सुसमाचार आधारित शांति,प्यार,न्याय एवं समानता के अनुसार एक सशक्त समाज का निर्माण करना. इनका मिशन है वंचित समुदाय के लोगों को संगठित एवं सशक्त करना ताकि समाज में उच्च स्थान दिलाकर उनकी प्रतिष्ठा को कायम रख सके. फादर अपने मिशन द्वारा समाज के हाशिये पर रहने वाले समुदाय को विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से उनका सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक उत्थान के लिये लोगों को संगठित कर उनके हक एवं अधिकारों के प्रति जागरूक कर उन्हें विकास के मुख्य धारा से जोड़ा जा सके.

फादर कहते हैं कि वर्तमान समय में सामाजिक कार्यों का स्वरूप बदल चुका है और बहुत सारे लोग इसे एक बाजार के रूप में मानते हैं. यह संस्था मिशनरी आदर्शों पर कायम रहते अपना कार्य कर रही हैं. फादर कहें कि सरकारी अनुदान प्राप्त तो है पर आज की दौर पर में यह मिशनरियों के लिये बहुत मुश्किल कार्य हैं. चूंकि मिशनरी ईमानदारी एवं निष्ठा के साथ कार्य करते हैं इसलिए सरकारी स्तर से मिशनरी संस्थाओं को नजरांदाज कर दिया जाता है.जो सरकार की उदासीनता ही है. हमलोग चाहते हैं कि सरकार की ओर से सकारात्मक सहयोग प्राप्त हो.ऐसा होने पर कार्य में गतिशीलता ला सकते है. ऐसा हो तो लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने में सफल होंगे. फादर का मानना है कि अपने सेवा कार्य से पूर्णत: संतुष्ट हैं.जब लक्षित परिणाम पाने के लिये समूह से मिलकर अथक प्रयास करते हैं.जब अच्छी उपलब्धि प्राप्त होती है तब लक्षित समुदाय के लोगों के चेहरे पर संतुष्टि एवं मुस्कान उभर आती है.जो समाज में सम्मान दिलाते हैं.वहीं खुशी हमलोगों को सेवा प्रदान करने के लिये  प्रेरणा का स्त्रोत बनते हैं.

फादर कहते हैं कि बिहार वाटर डेवलपमेंट सोसाइटी ने 2008 में कमिटी बनायी थी.16 प्रमुख व्यक्ति हैं जो कार्यक्रम समन्वयक सदृश्य हैं. 35 पर्यवेक्षक और 108 उत्प्रेरक हैं.इनलोगों के प्रयास से 1967 स्थापना काल के प्रथम दशक में 506 ऑपन ट्यूबवेल निर्माण किये.3000 से अधिक महिलाओं को जोड़कर स्वम सहायता समूह बनाये. इन समूहों से 10 फेडरेशन बनाये हैं. 5000 परिवारों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ा गया. आमदनी अर्जित कर रहे हैं.35000 हजार से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा  पेंशन मिला.23 हजार बच्चों को पूरक शिक्षा दी गयी.

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