नयी दिल्ली 05 जनवरी, पूरे 50 साल तक संसद में सक्रिय रहने के बाद आज राज्यसभा से विदा लेने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा़ कर्ण सिंह ने कहा कि आजाद भारत के सभी प्रधानमंत्रियों ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के विजन के अनुसार ‘नये भारत’ के निर्माण के लिए काम किया है। डा़ कर्ण सिंह ने आज राज्यसभा में अपने विदायी भाषण में कहा कि वह पचास साल पहले 36 वर्ष की उम्र में पहली बार एक आदर्श युवा के रूप में संसद में आये थे और आज एक आदर्श बुजुर्ग के रूप में संसद से विदा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरान उन्होंने आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित सभी प्रधानमंत्रियों के काम को नजदीकी से देखा और यह अनुभव किया कि काम करने की शैली और विचारों में मतभेद के बावजूद सभी ने श्री नेहरू के विजन के अनुसार ‘नये भारत’ के निर्माण में अपना योगदान दिया। उन्होंने उम्मीद तथा विश्वास जताया कि देश उसके सम्मुख खड़ी सभी चुनौतियों का बखूबी सामना करते हुए आगे बढेगा। उन्होंने कहा कि पहले लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में बड़ी विचारोत्तेजक बहस होती थी लेकिन अब व्यवधानों के कारण इस तरह की बहस सुनने काे नहीं मिलती। मीडिया में भी विस्फोट हुआ है और जहां पहले केवल दो चैनल थे अब 500 चैनल हैं। उन्होंने उम्मीद जतायी कि सदन में भविष्य में सुचारू ढंग से सार्थक बहस होगी। कांग्रेस के ही जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि वह पिछले 57 वर्षों से सार्वजनिक जीवन में हैं और उनके मन में साधारण कार्य करने वाले और साधारण घरों से शिखर पर पहुंचने वाले व्यक्तियों के लिए विशेष आदर रहा है। उन्होंने कहा कि वह खुद मिट्टी के घर में पैदा हुए और स्कूल में पढने के लिए हर रोज 8 किलोमीटर से अधिक पैदल जाते थे। इसलिए उन्हें पता है कि जब तक जीवन की कठिनाइयों का कोई खुद सामना नहीं करता है तो उसे इनका अहसास नहीं होता। राजनीति से पहले अध्यापन कार्य में रहे श्री द्विवेदी ने कहा कि उन्होंने कभी अपने विचारों के साथ समझौता नहीं किया। इन दोनों के साथ कांग्रेस के तीसरे नेता परवेज हाशमी का भी 27 जनवरी को कार्यकाल समाप्त हो रहा है लेकिन वह आज सदन में मौजूद नहीं थे। ये तीनों ही उच्च सदन में दिल्ली का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
शनिवार, 6 जनवरी 2018
नेहरू के ‘नये भारत’ के विजन पर काम किया है सभी प्रधानमंत्रियों ने: कर्ण सिंह
Tags
# देश
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
देश
Labels:
देश
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें