पटना 16 जनवरी, बिहार सरकार ने आज पटना उच्च न्यायालय में स्पष्ट किया कि दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरुद्ध जनता में जागरुकता लाने के लिए मानव श्रृंखला बनाने के मामले में बच्चों की भागीदारी का फैसला उनके अभिभावकों का होगा और सरकार इसमें हिस्सा नहीं लेने वाले बच्चों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन और न्यायाधीश अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ के समक्ष श्री शिवप्रकाश राय की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य के महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि मानव श्रृंखला के संबंध में राज्य के मुख्य सचिव ने पहले ही निर्देश दिया है कि कक्षा पांच तक के बच्चे इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। कक्षा पांच से उपर के बच्चे भी स्वेच्छा से ही इसमें हिस्सा लेंगे और इसमें शामिल नहीं लेने वाले बच्चों के खिलाफ सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभिभावकों को ही फैसला लेना है कि उनके बच्चे मानव श्रृंखला में भाग लें या नहीं। इससे पूर्व याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गयी कि नाबालिग बच्चों की मदद मानव श्रृंखला बनाने में नहीं ली जानी चाहिए। राज्य में काफी ठंढ भी है इसलिए अदालत सरकार को आदेश दे कि मानव श्रृंखला बनाने में बच्चों की मदद नहीं ली जाये।
बुधवार, 17 जनवरी 2018
मानव श्रृंखला में हिस्सा नहीं लेने वाले बच्चों पर सरकार नहीं करेगी कार्रवाई
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