झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही भी बाधित रही - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 20 जनवरी 2018

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही भी बाधित रही

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रांची 19 जनवरी, झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही भी बाधित रही । विपक्षी सदस्यों द्वारा राज्य के तीन शीर्ष अधिकारियों को पद से हटाने और उनके कार्यकाल की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर सदन पूरी तरह से बाधित रहा। हंगामे के बीच ही चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1738 करोड़ 79 लाख रुपये का का तृतीय अनुपूरक बजट सदन में पेश किया गया। वहीं भोजनावकाश के बाद भी राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष की ओर से लाये गये संशोधन प्रस्ताव को अस्वीकृत करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्टीफन मरांडी और झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव समेत अन्य विपक्षी विधायकों ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पुलिस महानिदेशक डी के पांडेय और अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अनुराग गुप्ता के खिलाफ लगे पद से दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोपों का मामला उठाते हुए इन अधिकारियों को अविलंब पद से हटाने की मांग की । विपक्षी विधायकों ने इन तीनों से शीर्षस्थ अधिकारियों के कार्यकाल की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की।

नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस मुद्दे को विपक्ष लगातार उठा रहा है और सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं, उस मुद्दे पर सदन में सवाल उठाने पर विपक्षी विधायकों को कहा जा रहा है कि यह उचित प्लेटफार्म नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि विपक्षी विधायक इस मुद्दे को सदन में नहीं उठाएंगे तो अपनी बातों को कहां रखेंगे। उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से इस परंपरा का भी हवाला दिया जा रहा है कि जो व्यक्ति सदन में मौजूद नहीं है उसके बारे में यहां कोई टिप्पणी उचित नहीं है, परंतु वे यह बताना चाहेंगे कि सदन में गरीबों को अनाज, पेयजल और अन्य मुद्दों को लेकर चर्चा होती है, वे भी सदन में मौजूद नहीं होते हैं तो भी उनके बारे में चर्चा होती है । श्री सोरेन ने कहा कि मुख्य सचिव या किसी अधिकारी से कोई लेना देना नहीं है, बल्कि वह सदन की गरिमा को बचाए रखने के लिए अपनी बातों को यहां रख रहे हैं ताकि व्यवस्था बेहतर हो सके। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष को सदन में सवाल नहीं उठाने का कोई नियम है तो बताएं या ऐसा नियम बनाया जाए तो विपक्ष की ओर से कोई सवाल नहीं खड़ा किया जाएगा।

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