पटना 06 जनवरी, चारा घोटाले के एक मामले में झारखंड के रांची जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के नाम से आज जारी एक पत्र में कहा गया है कि उनके खिलाफ नापाक हरकतें सिर्फ प्रताड़ित करने के लिये नहीं हो रही हैं बल्कि असली निशाना वंचित एवं उपेक्षित वर्गो को सत्ता एवं संसाधन से बेदखल करना है। विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने यहां राजद अध्यक्ष के ‘ मेरे प्रिय बिहार वासियों ’ के नाम लिखे पत्र की प्रति जारी की । पत्र में राजद अध्यक्ष श्री यादव ने कहा है कि लोग परेशान और हताश न हों लेकिन यह जरूर सोचें कि तथाकथित भ्रष्टाचार के सभी मामलों में वंचित एवं उपेक्षित वर्गो के लोग ही जेल क्यों जाते हैं। साथ ही यह भी सोचने की बात है कि अपने ही जमात के लोग इनके दुष्प्रचार का शिकार क्यों हो जाते हैं। श्री यादव ने पत्र में कहा कि ये सारी नापाक हरकतें और पाखंड सिर्फ उन्हें प्रताड़ित करने के लिये ही नही हो रहा है बल्कि इसका असली निशाना वंचित और उपेक्षित वर्गो को सत्ता और संसाधान से बेदखल करना है। लालू तो बहाना है असली निशाना है कि दलित-महादलित, पिछड़े-अति पिछड़े और अलपसंख्यकों को फिर से हासिये पर धकेल दिया जाये। बाबा साहब अम्बेडकर ने संविधान में जो अधिकार दिया उससे वंचित करने की भी कोशिश की जा रही है।
राजद अध्यक्ष ने पत्र में लिखा है कि उनका एक दोष जरूर है कि उन्होंने जातिवाद एवं फासीवाद की सबसे बड़ी पैरोकार संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सामने झुकने से बराबर इंकार किया है। यह ऐसे लोगों को पता होना चाहिए कि करोड़ों बिहारियों के स्नेह की पूंजी उनके पास है और वह पाताल में भी उन्हें भेज दे तो वहां से भी वह ऐसी शक्तियों के खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे। दलित-पिछड़ा विरोधी मानसिकता के खिलाफ उनका बिगुल बजता रहेगा। श्री यादव ने कहा कि ऐसी शक्तियों ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) को उनके और उनके परिवार के पीछे लगाया। उन्हें गिरफ्तार करने के लिये सेना तक की मदद ली गयी और मेरे मासूब बच्चों को भी झुठे मुकदमे में फंसा कर उन्हें प्रताड़ित किया गया। देश की सभी जांच ऐजिसियों के छापे चूल्हे से लेकर तबेले तक को झाड़ -पोछ कर खोजबीन करने के साथ ही पूछताछ भी की गयी। राजद अध्यक्ष ने कहा कि चरित्र हनन करने के षड़यंत्र रचे गये, नजदीकियों को जहां प्रताड़ित किया गया वहीं चोर दरवाजे से घुसकर सत्ता से बेदखल किया गया। इनसब के बावजूद परेशानियां और प्रताड़ना तो अपनी जगह उनके चेहरे पर सिकन नहीं आयी। इसका मुख्य कारण बिहार के करोड़ों गरीबों की बेपनाह मुहब्बत है। श्री यादव ने कहा कि लोगों की बेपनाह मुहब्बत से कुछ नहीं बिगड़ सकता। जातिगत जनगणना के उनके खुलासे की बात करना और आरक्षण की आर पार की लड़ाई लड़ना सत्ता की आखों में खटकता है क्योंकि निरकुंश सत्ता को गूंगे - बहरे चेहरे चाहिए । तानाशाही सत्ता को विरोध की आवाज हमेशा खटकती है इसलिये उसका जोर होता है साम- दाम - दंड - भेद से आवाज को खामोश कर दिया जाये ।
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