रघुवर ने 80 हजार 200 करोड़ का बजट किया पेश, ग्रामीण विकास पर जोर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 23 जनवरी 2018

रघुवर ने 80 हजार 200 करोड़ का बजट किया पेश, ग्रामीण विकास पर जोर

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रांची 23 जनवरी, झारखंड विधानसभा में आज अभूतपूर्व हंगामे के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वित्तीय वर्ष 2018-19 का वार्षिक बजट पेश किया जिसमें सर्वाधिक व्यय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज प्रक्षेत्र में करीब 11 हजार 771 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री श्री दास ने हंगामे के बीच वित्तीय वर्ष 2018- 19 के लिए 80 हजार 200 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया। इससे पहले मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, पुलिस महानिदेशक डी0 के0 पांडेय और अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अनुराग गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर विपक्षी विधायकों ने सदन में जोरदार हंगामा किया। झामुमो, कांग्रेस और झाविमो के विधायकों के बहिष्कार के बीच मुख्यमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने न्यू इंडिया-न्यू झारखंड के उद्देश्यों को पूरा किए जाने का संकल्प लिया है। इसके तहत हर खेत को पानी, हर हाथ को काम तथा हाथ से हाथ तक व्यवस्था लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष के बजट भाषण में की गई कुल 142 घोषणाओं में से 121 पूर्ण हो चुकी है और शेष 21 को पूरा करने की प्रक्रिया चल रही है। श्री दास ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये प्रस्तावित कुल बजटीय उपबंध 80 हजार 200 करोड़ में से सर्वाधिक व्यय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज प्रक्षेत्र में 11 हजार 771 करोड़ 16 लाख रुपये प्रस्तावित है जो चालू वर्ष की तुलना में 12.39 प्रतिशत की दर से 1297 करोड़ 46 लाख रुपये अधिक है। श्री दास ने कहा कि इसी प्रकार शिक्षा प्रक्षेत्र में 2018-19 में 11181 करोड़ 49 लाख रुपये प्रस्तावित है जो चालू वर्ष की तुलना में 6.31 प्रतिशत की दर से 663 करोड़ 85 लाख रुपये अधिक है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि एवं जल संसाधन प्रक्षेत्र के लिये 6421 करोड़ 64 लाख रुपये का बजट उपबंध प्रस्तावित है जो चालू वर्ष की तुलना में 14.86 प्रतिशत की दर से 830 करोड़ 72 लाख रुपये अधिक है । मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में 3826 करोड़ सात लाख रुपये का बजट उपबंध प्रस्तावित है जो चालू वर्ष की तुलना में 23. 18 प्रतिशत की दर से 720 करोड़ दस लाख रुपये अधिक है ।  इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2018-19 में नगर विकास एवं पेयजल तथा स्वच्छता प्रक्षेत्र के लिये 5357 करोड़ 70 लाख रुपये का बजट उपबंध प्रस्तावित है जो चालू वर्ष की तुलना में 17.70 प्रतिशत की दर से 805 करोड़ 88 लाख रुपये अधिक है ।

श्री दास ने कहा कि राजस्व व्यय के लिये 62744 करोड़ 44 लाख रूपये तथा पूंजीगत व्यय के लिये 17455  करोड़ 56 लाख रूपये यानि कुल 80200 करोड़ का बजट सदन को समर्पित कर रहा हॅूं । राज्य के विकास पर व्यय में लगातार वृद्वि के बावजूद राज्य का सकल वित्तीय घाटा राजकोषिय उत्तर दायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में निर्धारित सीमा के अंदर रहा है तथा आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट के अनुमानित व्यय भी अधिनियम के निर्धारित सीमा के अंदर रहेंगे ।  मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में प्रचलित मूल्य के आधार पर झारखंड राज्य का सकल घरेलू  उत्पाद 308785 करोड़ रुपये आंकलित किया गया था। यह वर्ष 2017-18 के 279452 करोड़ रुपये की तुलना में साढ़े दस प्रतिशत वृद्वि को दर्शाता है। स्थिर मूल्य पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये 243032 करोड रूपये अनुमानित है, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष 227066 करोड़ रुपये की तुलना में 7.03 प्रतिशत अधिक है । श्री दास ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में राजकोषिय घाटा 7494 करोड़ 45 लाख रुपये होने का अनुमान है जो कि वित्तीय वर्ष के अनुमानित राज्य का सकल घरेलू उत्पाद का 2.43 प्रतिशत है । श्री दास ने कहा कि बजट में जनजातीय विकास क्षेत्रों एवं अनुसूचित जातियों के विकास पर विशेष बल दिया गया है तथा इस प्रक्षेत्र में किये जाने वाले बजटीय प्रावधानों को अलग से संकलित करके अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट इस सदन में अलग से प्रस्तुत किया जायेगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट का कुल आकार 22259 करोड़ रुपये था जो स्कीमों के लिये निर्धारित कुल बजट का 51.5 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष के लिये अनुसूचित जनजाति क्षेत्र तथा अनुसूचित जाति विकास बजट का कुल आकार 24410 करोड़ रुपये है जो स्कीमों के लिये निर्धारित कुल बजट का 52. 49 प्रतिशत है । श्री दास ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस पर 1500 करोड़ रुपये की जोहार परियोजना का शुभारंभ किया गया है। योजना का लक्ष्य दो लाख ग्रामीण परिवारों की कृषि एवं गैर कृषि आजीविका सम्बन्धी गतिविधियों समेत उत्पादों में विविधता एवं उत्पादका बढ़ाते हुए उनकी आय को दोगुना करना है। इसके अंतर्गत ग्रामीण परिवारों को उन्नत कृषि, मछली पालन, पशुपालन, सिंचाई के साधन कौशल विकास से जोड़कर उनकी आजीविका को सशक्त बनाते हुये जोर दिया जा रहा है । 

मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने की सरकार की नीति और नीयत स्पष्ट है। भ्रष्टाचार का रोग राज्य को कैंसर के समान खाये जा रहा था, यहां तक की लोग स्कैम झारखंड कहने लगे थे। हमने इससे लड़ने का निर्णय लिया और तीन वर्ष में बेदाग सरकार दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के क्षेत्रीय कार्यालय राज्य के सभी प्रमंडलों में खोले गये है जिसके परिणाम भी सामने आने लगे है। वर्ष 2014 में सिर्फ 31 लोक सेवक भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े गये थे । वहीं 2015 में 54 और 2016 में 84 तथा 2017 में 138 लोकसेवक पकड़े जा चुके है । श्री दास ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है। सरकार द्वारा रांची में प्रेस क्बल बनाकर पत्रकारों को उपलब्ध कराया गया है तथा धनबाद में भी प्रेस क्लब की स्वीकृति दी गयी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में जमशेदपुर, चाईबासा, दुमका एवं देवघर में प्रेस भवन बनाये जायेंगे । उन्होंने कहा राज्य में राजकोषीय अध्ययन संस्थान की स्थापना की जा चुकी है । इस संस्थान के माध्यम से राजस्व संग्रहण में वृद्वि के उपाय तथा वित्तीय प्रबंधन एवं योजनाओं का परिणान्मोमुखी मूल्याकंन किया जायेगा । 

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