किसान भाईयों को पाले से फसलों की सुरक्षा एवं सतर्कता हेतु परामर्श
पाला पड जाने पर नुकसान की संभावना अत्यधिक होती है। ऐसी स्थिति में किसान सावधानी अपनाकर फसलों को बचा सकते हैं। प्रमुख सावधानियां इस प्रकार हैं- पाले की संभावना पर रात में खेत में 6-8 जगह धुंआ करना चाहिये। यह धुंआ खेत में पडे घास-फूंस अथवा पत्तियां जलाकर भी किया जा सकता है। यह प्रयोग इस प्रकार किया जाना चाहिये कि धुंआ खेत में छा जाये तथा खेत के आसपास का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक आ जाये। इस प्रकार धुंआ करने से फसल का पाले से बचाव किया जा सकता है। पाले की संभावना होने पर खेती की हल्की सिंचाई कर देना चाहिये। इससे मिट्टी का तापमान बढ जाता है तथा नुकसान की मात्रा कम हो जाती है। सिंचाई बहुत ज्यादा नहीं करनी चाहिये। इतनी ही सिंचाई करना चाहिये, जिससे खेत गीला हो जाये। रस्सी का उपयोग भी पाले से सुरक्षा प्रदान करता है। एक लम्बी रस्सी से खेत के एक कोने से दूसरे कोने तक फसल को हिलाने से फसल पर रात का जमा पानी गिर जाता है और पाले से सुरक्षा हो जाती है। विस्तृत जानकारी के लिये ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है।
शौर्यादल एवं समेकित बाल संरक्षण योजना का प्रषिक्षण
किषोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 एवं नियम 201़6 के अंतर्गत समेकित बाल संरक्षण योजना के प्रावधानों पर जानकारी देने हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला पंचायत के सभाकक्ष में किया गया कार्यशाला में मुख्य रूप से जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय प्रताप सिंह, जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रंजीता पटेल, परियोजना अधिकारी मोहन रेकवार श्रीमती अर्चना वाजपयी, बाल संरक्षण अधिकारी श्री अमित दुबे, परामर्षदाता श्री सुरेष पांचाल, सामाजिक कार्यकर्ता शषि राठौर , आशीष तिवारी आदि के साथ जिले की सभी पर्यवेक्षक, आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं शौर्यदल सदस्य उपस्थित रहे । जिला कार्यक्रम अधिकारी संजयप्रताप सिंह ने अपने उदभोदन में आंगनवाडीयो को व्यवस्थित संचालीत करने एवं शासन की समस्त योजनाओं का लाभ महिलाओं बालिकाओं को प्राप्त हो इस हेतु अधिक से अधिक प्रयास करे जिला महिला सषक्तिकरण अधिकारी श्रीमती रंजीता पटेल ने समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत अनाथ निराश्रित बच्चों का आंगनवाडी स्तर पर सर्वे कर योजनाओं का लाभ दिलाये जाने हेतु जानकारी दी एवं महिलाओं/बालिकाओं से संबंघित अघिनियमों व कानूनों की जानकारी प्रदान कि, साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा हेतु गठित शक्ति समिति की विस्तार पूर्वक जानकारी दी। परामर्षदाता सुरेष पांचाल ने बताया कि समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत फोस्टर केयर योजना संचालित हैं। जिसमें अनाथ, निराश्रित एवं देखरेख के योग्य बच्चों को पारिवारिक पुर्नवास किया जाता हैं तथा कोई भी व्यक्ति बाल कल्याण समिति के समक्ष बच्चों को पारिवारिक पुर्नवास में लेने हेतु आवेदन कर सकता हैं। कार्यक्रम में ग्राम स्तर पर गठित शौर्यदल, शक्तिसमिती, ग्राम स्तरीय बालसंरक्षण समिती, कोर गु्रप आदि की नियमित बैठक आयोजित करने हेतु हिदायत दी गई। प्रतिभागीयों द्वारा विभिन्न प्रश्न पुछे गये जिनका उत्तर उपस्थित अधिकारीयों द्वारा दिये गये ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें