पटना 15 जनवरी, बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आज कहा कि जो देश शिक्षा को जितना दुरुस्त और बहुमुखी बनायेगा वह उतनी ही तेजी के साथ प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। श्री मलिक ने यहां एक विद्यालय में ‘ए-क्लू-ए-डे’ प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “यह ज्ञान और शिक्षा का युग है। जो व्यक्ति अथवा समाज या देश अपनी शिक्षा को जितना दुरुस्त और बहुमुखी बनायेगा, वह उतनी ही तेजी के साथ प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। आज जो भी देश विकसित राष्ट्र की श्रेणी में शामिल हैं, उन्होंने अपने यहां शिक्षा को पूरा महत्व दिया है।” राज्यपाल ने कहा कि जीवन में कई चुनौतियां हैं लेकिन इनका सामना शिक्षा के माध्यम से ही किया जा सकता है। उन्होंने अपने बचपन के प्रसंगों की चर्चा करते हुए स्कूल के बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाया। द्वितीय विश्वयुद्ध की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि ब्रिटेन ने तब शिक्षा के महत्व को समझते हुए ही अपने बजट में शिक्षा पर आवंटन में कोई कमी नहीं की थी। श्री मलिक ने कहा कि एक नहीं अनेक उदाहरण ऐसे मिल जायेंगे कि शिक्षा के बल पर ही अपने परिवार, समाज अथवा देश को तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़ाया जा सकता है। खेलकूद, फन-गेम, रंगमंचीय गतिविधिया, संभाषण, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं, लेख अथवा क्विज सभी गतिविधियां नई सोच, नई चेतना और रचनाशीलता का उत्साह विकसित करती हैं। साथ ही ऐसी गतिविधियों में भाग लेने से प्रतिभागियों की सृृजनात्मक मानसिकता का भी सहज विकास होता है।
राज्यपाल ने कहा कि किसी भी प्रतियोगिता का आयोजन अक्ल को मांजने के उद्देश्य से किया जाता है। देश में अक्ल से जुड़े कई खेलों का प्रचलन है। पहेलियां और शतरंज ज्ञान के उपयोग वाले खेल हैं। बौद्धिक खेलों के आयोजन से विद्यार्थियों की मेधा परिष्कृत होती है तथा वे रोजगारपरक शिक्षा की ओर स्वयं को उन्मुख कर पाते हैं। श्री मलिक ने कहा कि ए-क्लू-ए-डे उद्यम भरा मानसिक गेम है। इस गेम को स्कूली बच्चे, विद्यालय से लौटकर एक निश्चित समय पर साथियों के साथ खेलते हैं। यह गेम भी तर्कशीलता, विवेचन-क्षमता, बौद्धिक-जागृति को बढ़ाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह गेम बच्चों के बौद्धिक विकास में भरपूर सहायक होगा। उन्होंने इस गेम के विशेषज्ञ भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी विवेक सिंह की प्रशंसा की। समारोह में श्रम संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह और इस प्रतियोगिता के संयोजक कुशाग्र सिंह ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किये।
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