नई दिल्ली, 2 जनवरी, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को हरेक दूरसंचार सेवा प्रदाता के लिए यह अनिवार्य किया है कि वे दूसरे सेवा प्रदाता से इंटरकनेक्शन पॉइंट्स की अर्जी मिलने पर गैर-भेदभावकारी आधार पर 30 दिनों के अंदर मुहैया कराना होगा। नियामक ने कहा, "अगर कोई सेवा प्रदाता इन प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उस पर प्रावधानों के अनुरूप जुर्माना लगाया जाएगा, जो प्रति लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र में एक लाख रुपये प्रतिदिन से ज्यादा नहीं होगा।" ट्राई ने दूरसंचार इंटरकनेक्शन कानून, 2018 मंगलवार को प्रकाशित किया, जो एक फरवरी, 2018 से प्रभावी होगा। नियामक ने यह भी स्पष्ट किया कि प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर जारी नियमों या दिशानिर्देशों के अनुसार सेट-अप शुल्क और इंफ्रास्ट्रक्च र शुल्क जैसे इंटरकनेक्शन शुल्क सेवा प्रदाताओं के बीच पारस्परिक रूप से बातचीत से तय की जा सकती है, जोकि ट्राई द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप हो तथा उचित, पारदर्शी और गैर-भेदभावकारी हो। दूरसंचार उद्योग में इंटरकनेक्शन का मुद्दा उस समय काफी महत्वपूर्ण हो गया था, जब रिलायंस जियो ने बाजार में प्रवेश किया था। कंपनी ने पहले से मौजूद कंपनियों पर आरोप लगाया था कि वे उसे पर्याप्त इंटरकनेक्शन मुहैया नहीं करा रही हैं।
मंगलवार, 2 जनवरी 2018
दूरसंचार कंपनियों को अर्जी के 30 दिनों के अंदर देना होगा इंटरकनेक्शन : ट्राई
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