नयी दिल्ली 18 फरवरी, पिछले पांच सालों में बैंकों में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की धाेखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने मोदी सरकार से संसद के बजट सत्र में बैंकों की हालत पर श्वेत पत्र लाने की आज मांग की।कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां नियमित ब्रीफिंग में कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है कि देश के बैंकों में पिछले पांच वर्षों में 61 हजार 360 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। इन पांच वर्षों में से चार वर्ष राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के शासन के हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि मोदी सरकार बैंकों की स्थिति पर संसद के बजट सत्र में श्वेत पत्र लेकर आये, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके। सभी बैंक यह बतायें कि उनके यहां कितने की धोखाधड़ी हुई है। श्री तिवारी ने कहा कि गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के मामले में भारत का दुनिया में छठा स्थान है और कुल एनपीए का 77 फीसदी अग्रणी काॅरपोरेट घरानों का है। उन्हें यह पैसा बैंकों को देना है। उन्होंने कहा कि सरकार 31 दिसम्बर 2017 तक के एनपीए की स्थिति स्पष्ट करे जिससे लोगों को पता चल सके कि कौन सी कंपनी को कितना घाटा हुआ है और किसका कामकाज सही नहीं है। प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी की सरकार ने अपने शासन में सूचना के अधिकार के माध्यम से पारदर्शिता कायम की, लेकिन राजग सरकार हर चीज को छिपाने की नीति में लगी है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि प्रधानमंत्री यह नहीं बतायेंगे कि उनके साथ विदेश यात्रा पर कौन निजी लोग यात्रा कर रहे हैं, क्योंकि यह सरकारी गोपनीयता के तहत आता है। रक्षा मंत्री राफेल की कीमत नहीं बतायेंगी, वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था की हालत बयां नहीं करेंगे, सूचना प्रसारण मंत्री अपनी शैक्षणिक योग्यता नहीं बतायेंगी, क्योंकि ये सब बातें सरकारी गोपनीयता के तहत आती हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि इन सब बातों को देखते हुए सारा देश कह रहा है कि अब यह सरकार कभी नहीं। उन्होंने कहा कि यह विडंबना ही है कि घोटाले में फंसे पंजाब नेशनल बैंक को सतर्कता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने का पुरस्कार दिया गया है।
सोमवार, 19 फ़रवरी 2018
बैंकों की हालत पर श्वेत पत्र लाये सरकार: कांग्रेस
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