सोहराबुद्दीन मामले से एक और जज को हटाया गया : राहुल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 28 फ़रवरी 2018

सोहराबुद्दीन मामले से एक और जज को हटाया गया : राहुल

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नई दिल्ली 27 फरवरी,  कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर फिर से नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। साथ ही उन्होंने इस मामले में कुछ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई कर रही बंबई उच्च न्यायालय की न्यायाधीश को मामले से हटाने पर सवाल उठाया। कांग्रेस अध्यक्ष का सवाल है कि अमित शाह को बचाने के लिए आखिर इतना तिकड़म क्यों? राहुल ने न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे को मामले से हटाने के फैसले की ओर इशारा करते हुए एक ट्वीट में कहा कि इस मामले में एक और न्यायाधीश हटाई गईं। रेवती मोहिते वही न्यायाधीश हैं, जिन्होंने सोहराबुद्दीन मामले की मीडिया रिपोर्टिग पर लगी रोक हटाई थी। सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को गुजरात पुलिस मुंबई से उठा ले गई थी और फर्जी मुठभेड़ में दोनों की हत्या कर दी गई थी। उस समय अमित शाह गुजरात के गृह राज्यमंत्री थे। आरोप लगा था कि यह फर्जी मुठभेड़ उनके इशारे पर की गई। गुजरात उच्च न्यायालय ने अमित शाह को जेल भेज दिया था। बाद में उन्हें इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह चार साल गुजरात से बाहर रहेंगे। कहा जाता है कि अपने राज्य से निकाले जाने के बाद शाह ने वे चार साल दिल्ली और उत्तर प्रदेश में रहकर गुजारे थे। इसी मामले की सुनवाई कर रहे एक 48 वर्षीय न्यायाधीश बी.एच. लोया की वर्ष 2014 में नागपुर के एक रेस्ट हाउस में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। न्यायमूर्ति लोया अपने एक साथी जज की बेटी की शादी में शरीक होने नागपुर गए थे। उनकी बहन का कहना है कि न्यायमूर्ति लोया की मौत की खबर और उनका सामान लेकर एक आरएसएस कार्यकर्ता उनके घर पहुंचा था। जज लोया और उनके परिवार को फोन पर धमकियां भी दी जा रही थीं। इस मामले पर सियासी घमासान मचा है। राहुल गांधी ने इस मामले की सुनवाई करने वाले सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश बी.एच. लोया की मौत का भी जिक्र किया। भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह इस मामले में आरोपी थे। लोया की जगह नियुक्त जज ने हालांकि बाद में शाह को बरी कर दिया था। इस फैसले को चुनौती दी गई, इसलिए यह मामला अभी जिंदा है। राहुल गांधी ने कहा, "सोहराबुद्दीन मामले में एक और न्यायाधीश को हटाया गया। सीबीआई को चुनौती देने वाली न्यायाधीश रेवती डेरे को हटा दिया गया। न्यायाधीश जे.टी. उत्पत ने अमित शाह से पेश होने को कहा तो उन्हें हटा दिया गया। न्यायाधीश लोया ने कठिन सवाल पूछे, तो उनकी मौत हो गई।" सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की नवंबर, 2005 में गुजरात आंतक रोधी दस्ते ने कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी थी। इसी मामले में अमित शाह को जेल जाना पड़ा था और गुजरात से तड़ी पार किए गए थे। अब वह देश में सत्तारूढ़ पार्टी ने अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य हैं।

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