पटना 15 फरवरी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि सभी जातियों और वर्गों को जनसंख्या के अनुपात में सत्ता में भागीदारी मिलनी चाहिए। श्री यादव ने स्थानीय श्रीकृष्ण स्मारक भवन में आयोजित धानुक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी जातियों और वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में सत्ता में भागीदारी मिलनी चाहिए । जबतक ऐसा नहीं होगा तबतक विकास की बात करना बेमानी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को जातीय जनगणना की रिपोर्ट को सार्वजनिक करना चाहिए। इससे पता चलेगा कि समाज में किस जाति की क्या स्थिति है। प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि तमिलनाडू की तरह ही बिहार में भी आरक्षण की सीमा बढ़ाकर 70 प्रतिशत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव शुरू से ही गरीबों और वंचितों की लड़ायी लड़ते रहे हैं । उनका मानना है कि अभिवंचित समाज को आगे बढ़ाये बिना प्रदेश और देश का विकास नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि राजद सत्ता और संगठन में दलित, महादलित और पिछड़ों को 60 फीसदी हिस्सेदारी देगा।
श्री यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करते हुए कहा कि श्री कुमार ने जनादेश का अपमान किया है। बिहार को न तो विशेष राज्य का दर्जा मिला और न ही विशेष पैकेज। केन्द्र सरकार बिहार की लगातार अनदेखी कर रही है। इसके बावजूद श्री कुमार सत्ता सुख के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ हाथ मिलाये हुए हैं। प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि संघ मुक्त भारत बनाने की बात करने वाले मुख्यमंत्री श्री कुमार अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गोद में बैठ गये हैं। ऐसा कर उन्होंने राजनीतिक आत्महत्या कर ली है। उन्होंने कहा कि भाजपा देशभक्ति के नाम पर दंगा फसाद कराना चाहती है और देश को तोड़ना चाह रही है। श्री यादव ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार गरीबों के अधिकार को छीनना चाहती है, इसलिये वह आरक्षण को ही समाप्त करने के प्रयास में है। लेकिन,जबतक श्री लालू प्रसाद यादव हैं तबतक हैं भाजपा की कोई भी चाल कामयाब नहीं होने वाली है । उन्होंने कहा कि इसी कारण श्री लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार तथा नाते-रिश्तेदार को परेशान किया जा रहा है।
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