नई दिल्ली 26 फरवरी, वित्तमंत्री अरुण जेटली ने देश के बैंकों को कृषि क्षेत्र में पूंजी निर्माण में सुधार के मकसद से दीर्घकालीन निवेश के लिए प्रेरित करते हुए सोमवार को कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में कृषि क्षेत्र में 11 लाख करोड़ रुपये के साख प्रवाह का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। जेटली ने कहा, "पिछले कुछ वर्षो में वित्तीय प्रौद्योगिकी में निवेश से ग्रामीण वित्तीय परितंत्र में सक्षमता, गति व पारदर्शिता आई है।" उन्होंने कहा, "वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकिंग क्षेत्र द्वारा 11 लाख करोड़ रुपये का साख प्रवाह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है और इससे 2022 तक किसानों की आमदनी बढ़ाकर दोगुनी करने में मदद मिलेगी।" वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के बोर्ड को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, "बैंकों को कृषि क्षेत्र पूंजी निर्माण में सुधार लाने के लिए अवश्य दीर्घकालीन निवेश करना चाहिए।" कृषि क्षेत्र को तवज्जो देते हुए वित्तमंत्री ने आम बजट 2018-19 में कृषि उपज का न्यूनतम मूल्य (एमएसपी) लागत का डेढ़ गुना देने की घोषणा की है। अगामी आम चुनाव से पूर्व राजग सरकारी के अंतिम पूर्ण बजट में जेटली कहा कि इस कदम से किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। नाबार्ड के चेयरमैन हर्ष कुमार भानवाला ने अपने संबोधन में कहा कि जल संरक्षण और उत्पादकता बढ़ाने की प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन देने के लिए 5,000 करोड़ रुपये के सूक्ष्म सिंचाई कोष को जल्द क्रियाशील बनाया जाएगा। वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि बैंकिंग प्रणाली को पूर्वोत्तर, पूर्व और मध्य भारत पर ध्यान देना चाहिए जहां औपचारिक साख से विकास की संभावनाओं को प्रोत्साहन दिया जा सकता है।
मंगलवार, 27 फ़रवरी 2018
11 लाख करोड़ का कृषि साख हासिल करने का लक्ष्य : जेटली
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