चण्डी. सूबे में रोजगार का अभाव है. इसके आलोक में महादलित मुसहर समुदाय के लोग पलायन करने को बाध्य हैं.इसमें कैलू मांझी भी है.इसकी कहानी दर्दनाक है.वह 2009 से टी.बी.रोग से बेहाल हैं.जब भगवानपुर मुसहरी में चिनमी पर लौटकर आते हैं तब पुन: दवा खाना शुरू करते हैं.यह सिलसिला 9 साल से जारी है. भगवानपुर मुसहरी की पहचान चण्डी मुसहरी की है. इंदिरा आवास योजना से मकान बने हैं और सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल पहुंचाया गया है. यह सुविधा कैलू मांझी को मिला है.कैलू मांझी कहते हैं कि मेरी पत्नी लक्ष्मी देवी की अकाल मौत 2015 में हार्ट अटैक से हो गयी.दोनों के 3 लड़का और 2 लड़की हैं. 5 बच्चों को संभालना है और बीमारी का उपचार करना मुश्किल है.
बुधवार, 28 मार्च 2018
बिहार : टी.बी.बीमारी से 9 साल से जूझते कैलू मांझी
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