- बिहार में सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात की बढ़ती घटनायें बेहद चिंताजनक.
पटना 1 अप्रैल 2018, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि एससी-एसटी (अत्याचार निरोधक) कानून को संशोधित कर कमजारे करने की कोशिशों की हमारी पार्टी कड़ी निंदा करती है और इसे वापस लेने की मांग करती है. इस मसले पर 2 अप्रैल को आहूत भारत बंद का हमारा सक्रिय समर्थन है. पूरे राज्य में हमारी पार्टी के कार्यकर्ता बंद के समर्थन में सड़क पर उतरेंगे और मार्च का आयोजन करेंगे. राजधानी पटना में कारगिल चैक पर 12 बजे प्रतिरोध मार्च आयोजित किया जाएगा. इस मसले पर कल भाकपा-माले विधायक विधानसभा के अंदर भी प्रदर्शन करेंगे. मोदी सरकार के इस कदम से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा सरकार पूरी तरह दलित विरोधी है. माले राज्य सचिव ने आगे कहा कि रामनवमी के मौके पर राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नफरत व हिंसा इस बार व्यापक पैमाने पर फैलाई गई. कई इलाकों में सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात की ताकतों ने जमकर फसाद खड़ा किया. मुस्लिम समुदाय के लोगांें की दुकानें लूट ली गईं और प्रशासन की आंखों के सामने शहर जलते रहे. हालिया दंगों का पैटर्न बताता है कि पर्व-त्योहारों की आड़ में भाजपा व आरएसएस पूरे राज्य में आतंक फैला रही है और नीतीश कुमार ने फासीवादियों के सामने पूरी तरह घुटने टेक दिए हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 के जनवरी महीने में (महज एक महीने में) में राज्य में 614 दंगे हुए हैं. यह बेहद चिंताजनक स्थिति है. उन्होंने नीतीश कुमार से दंगाइयों-बलवाइयों पर लगाम लगाने की मांग की है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें