दुमका : नगर परिषद् उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी के रूप में विनोद लाल लोगों की पहली पसंद। - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

दुमका : नगर परिषद् उपाध्यक्ष पद प्रत्याशी के रूप में विनोद लाल लोगों की पहली पसंद।

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दुमका (अमरेन्द्र सुमन) नगर पर्षद चुनाव में आप का रुझान जानना चाहता हूँ,  माता जी  क्या लग रहा है ? उपाध्यक्ष  किसे बनाना चाहिए  ?  कई प्रत्याशी अपना-अपना  भाग्य आजमा रहे  ?   ई चुनाव-फुनाव कि होय छे हमें नै जानिछिये बाबू। इहो नय जानेछिये कि के-के लड़ेछे। एकेगो नाम जानेछियॅ विनोद लाल के। बड़ी अच्छा आदमी छे। ओकर दरवाजा पर जे जाय छे बेचारा सभेके मान-सम्मान रखे छे। ओकरे नाम लै छे आदमी सब। ओकरा छोड़ के भला आदमी कहाँ देखेछिये केकरो। मसोमात, गरीब, मालूम, औरत-मरद रहै चाहे रिक्शा, ठेला, टमटम वाला। आज तक ओकर मुँहॅ से एगो खराब शब्द नै निकललॅ छे। शादी-बियाह हो, परव-त्योहार, चाहे पूजा-पाठ अपन दरवज्जा से केकरो खाली हाथ नय लौटेले छे। कुछु हो जाए विनोद लाल के छोड़ के केकरो वोट नय देबे। उहे विनोद लाल छै ने जेकर चुनाव चिन्ह छे डीजल पम्प मशीन छाप ? हाँ, वे ही विनोद लाल जी हैं जिनका चुनाव चिन्ह है डीजल पम्प मशीन छाप। आपके घर में वोट डालने वाले कुल कितने सदस्य हैं ? हमें छियौ, हमरॅ मालिक छौं, दूगो बेटा छे, दुयो के कनियान छॅ। मोटा-मोटी सोंचॅ ने छः आदमी छिये। आपके मुहल्ले के अन्य लोगों का रुझान किस ओर है ? सब एके बात बोले छे, विनोद लाल। डंगाल पाड़ा मुहल्ला हो या फिर रसीकपुर। एलआईसी काॅलोनी हो या फिर पोखरा चौक।  हर तरफ नगर पर्षद उपाध्यक्ष पद के लिये लोग डीजल पम्प मशीन छाप पर बटन दबाने को तत्पर दिख रहे। इस कतार में खड़े अन्य लोगों में शीर्ष पर एक ही व्यक्ति का नाम है और वे हैं विनोद लाल, मतदाताओं की ओर से जो बातें सामने आ रही हैं उसके मुताबिक। 

लोग मानते हैं  शिष्ट आचरण, गरीब-गुरुवों की मदद करने वाला, दीन-दुखियों की समस्याओं से उन्हें  उबारने वाला कोई है तो वह  है विनोद लाल।  ग्रांट स्टेट में एक बुजुर्ग ने नाम न  छापने की शर्त पर कहा देखिये नगर पर्षद से कोई खास लेना-देना  है नहीं, किन्तु हरेक वर्ष खूटा बांध में छठ पूजा की जो  व्यवस्था रहती है,  छठव्रतियों की आत्मा को तृप्त कर जाती है।  पर्व के दौरान पूरा घाट स्वच्छ व पवित्र रहता है।  विनोद लाल का व्यक्तित्व,  परिश्रम, आर्थिक सहायता और दरियादिली। महादेव उन्हें खुश और आबाद रखें।   पोखरा चौक में एक चाय की दूकान पर खड़ा हूँ। नगर पर्षद चुनाव को लेकर गर्म चर्चाएँ चल रही है। कोई अध्यक्ष पद की चर्चा कर रहा है, तो कोई उपाध्यक्ष पद की। कुछ लोग वार्ड पार्षदों के लिये खड़े प्रत्याशियों में कौन बेहतर  है की चर्चा में शामिल है तो कोई  शहर में मुद्दों को लेकर।  चाय दुकानदार सबकी बातें सुन रहा है। इतनी गर्म चर्चा किसकी चल रही है, चाय दूकानदार से पूछता हूँ। कई दिनों से देश-दुनिया की खबरों से अलग लोग दुमका नगर पर्षद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व वार्ड पार्षदों की चर्चा में ही मग्न हैं। 

अध्यक्ष पद किसके हिस्से में जाएगा ? 

देखिये मुकाबला चारपाई और कमल के बीच ही है। फलों से भरी टोकरी को भी कम नहीं आँकिये। बनिया गोलबंद होता जा रहा है। झाड़कर सब वोट डाल देगा तो फिर खेल रोमांचक ही हो जाएगा। कमल पूरा जोर आजमाईश कर रहा है। 

और चारपाई .......???

 इस बार नहीं तो  फिर कभी नहीं।  चारपाई अभी तक कमल पर भारी है।  ठीक है यह तो हुई बात अध्यक्ष पद को लेकर। उपाध्यक्ष पद के लिये माहौल किसके समर्थन व किसके विरुद्ध है ? उपाध्यक्ष पद के लिये तो विनोद लाल के बाद दूसरा कोइ्र्र विकल्प ही सामने नहीं है। पढ़ा-लिखा, तेज-तर्रार आदमी है। 

नगर पर्षद में उसका जो रिपुटेशन है और किसी का है क्या, दूकान दार उल्टा सवाल मुझसे ही पूछता है ?  

देखिए आदमी जितना चाहे खड़ा हो जाए। विनोद लाल नम्बर वन पर रहेगा। हम नहीं कहते हैं। चाय पीने वाले सैकड़ों लोग प्रतिदिन उसी की चर्चा करते हैं। अब आप ही अनुमान लगा लीजिए कौन रेस में आगे है और कौन पीछे। गरीब दास......? देखिए लड़ने के लिये सब लड़ता है। किसी को पैसा है तो दिल नहीं। कोई वोटर को गुमराह कर वोट लेना चाहता है तो कोई पूरी उम्र चमचागिरी कर अपना उल्लू साधना चाहता है। किसकी मुसीबत में कौन, कब और कहाँ काम आता है देखना चह चाहिए। मेरे ख्याल से तो विनोद लाल के अलावे उपाध्यक्ष पद का कोई बेहतर विकल्प है ही नहीं। 

दो भांड़ चाय में दूकानदार एक भांड़ चाय की ही कीमत लेता है,  और दूसरे भांड़ की............?
चाय दूकानदार हंसता है और इशारे में ही पैसे रख लेने की बात कहता है। फिर आउँगा कहकर मैंने भी   रास्ता नापना शुरु कर दिया।  

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