भारत और नेपाल साथ साथ चलें : ओली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

रविवार, 8 अप्रैल 2018

भारत और नेपाल साथ साथ चलें : ओली

indo-nepal-come-togather-oli
पंतनगर :उत्तराखंड:, आठ अप्रैल, कृषि के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए पंतनगर विश्वविद्यालय की सराहना करते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने आज नेपाल में कृषि को तकनीकी रूप से बढावा देने में विश्वविद्यालय से सहयोग लेने की इच्छा जतायी । यहां विश्वविद्यालय में आयोजित विशेष दीक्षांत समारोह में कुलाधिपति और उत्तराखंड के राज्यपाल डा केके पॉल से विज्ञान वारिधि की मानद उपाधि ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा, 'पंतनगर विश्वविद्यालय ने कृषि के क्षेत्र में क्रान्ति लाने और आधुनिकरण का काम किया है। उसे देख कर मेरी इच्छा है कि नेपाल और पंतनगर विश्वविद्यालय साथ—साथ चलें तो नेपाल में भी कृषि के क्षेत्र को तकनीकी रूप से बढ़ावा मिलेगा ।' ओली ने कहा कि भारत और नेपाल दोनों ही कृषि प्रधान देश हैं और नेपाल में दो-तिहाई जनसंख्या कृषि पर आधारित है । उन्होंने कहा, 'लेकिन वहां कृषि का देश की आर्थिकी में योगदान केवल एक-तिहाई है क्योंकि हम अपनी कृषि में आधुनिकीकरण एवं यांत्रिकीकरण नही कर पाये हैं।' उन्होंने कहा कि नेपाल में दो कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किये गये हैं लेकिन वे अभी प्रारम्भिक अवस्था में हैं जिन्हें मजबूती प्रदान करने हेतु पंतनगर विश्वविद्यालय का सहयोग लिया जाना होगा तथा भारत सरकार और पंतनगर विश्वविद्यालय के साथ मिलकर शोध तथा संकाय सदस्यों एवं विशेषज्ञों के आदान-प्रदान को बढ़ाना होगा। ओली ने यह भी कहा कि नेपाल की सरकार एवं वहां के लोग भारत के साथ मिलकर गरीबी दूर करने व एक दूसरे की जनता को खुशहाल बनाने के लिए काम करेंगे । पंतनगर विश्वविद्यालय के बीज उत्पादन की सराहना करते हुए उन्होंने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की प्रशंसा की। राज्यपाल डा पाल ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि नेपाल एवं उत्तराखण्ड इतिहास, संस्कृति, व्यापार के साथ-साथ अन्य बहुत सी समानताएं रखते हैं तथा हमारा व्यक्ति से व्यक्ति सम्बन्ध काफी पुराना है।

उन्होंने कहा कि हमारी चुनौतियां भी एक जैसी हैं तथा दोनों मिलकर अपने लोगों की बेहतरी, वातावरण सुरक्षा एवं प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए काम कर सकते हैं। कृषि के क्षेत्र में पंतनगर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को गिनाते हुए उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने उच्च गुणवत्तायुक्त अधिक उत्पादक प्रजातियों के बीज और रोपण सामग्री का उत्पादन कर किसानों के बीच में एक विश्वसनीय ‘ब्रांड नाम’ स्थापित किया है । नेपाल एवं उत्तराखण्ड की समान परिस्थितियों को देखते हुए आपसी सहयोग के बिंदुओं का उल्लेख करते हुए राज्यपाल ने आशा जतायी कि नेपाल एवं उत्तराखण्ड के बीच तकनीकी सहयोग, दोनों के कृषक समाज को लाभ प्रदान करेगा व उनके खुशहाल भविष्य को सुरक्षित करेगा।  कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड व नेपाल के गर्भनाल जैसे संबंध है तथा हमारा खान-पान, रहन-सहन, रिश्ते-नाते जुड़े हुए है। उन्होंने कहा, ' यह सुखद संयोग है कि देश का विख्यात पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय नेपाल के इतने पास स्थित है और नेपाल के समान भौगोलिक परिस्थितियों में कार्य कर रहा है।' उन्होंने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय नेपाल सरकार के साथ मिलकर औद्यानिकी व औषधीय फसलों के क्षेत्रों में कार्य कर सकता है। उन्होंने कहा नेपाल और उत्तराखण्ड के बीच संचार सुविधायें बढ़ाये जाने तथा मुख्य रूप से काठमांडू से देहरादून के लिए हवाई सेवायें प्रारम्भ किये जाने की भी आवश्यकता जतायी जिससे कृषि एवं अन्य क्षेत्रों को लाभान्वित किया जा सकेगा।

कोई टिप्पणी नहीं: