बिहार : और वह जहर खाने वालों को मौत के मुंह से निकालने लगा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 12 अप्रैल 2018

बिहार : और वह जहर खाने वालों को मौत के मुंह से निकालने लगा

poision-remover-bihar
समेली. अपने सहोदर भाई से बेइंतहा मोहब्बत करता था वह. उसका भाई पारिवारिक तनाव के कारण जहर खाकर मर गया. वह अपने अनुज की याद में  जहर खाकर आने वाले लोगों को मौत के मुंह से बचाने लगा. उस शक्स का नाम है  प्रभाष कुमार मंडल.खुद को वह चिकित्सक नहीं मानता है.फिर भी उसकी जादुई कारामात से जहर खाकर आने वाले लोगों को मौत के मुंह में समा जाने वाले लोगों को बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.  प्रभाष कुमार मंडल कहते हैं कि पिताजी गणेश प्रसाद मंडल और माताजी उर्मिला देवी है.हमलोग 3 भाई और 2 बहन है. मेरे भाई अरूण कुमार मंडल हैं.अभी पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता हैं.बिहार बार एसोसिएशन से संबंधित हैं.  आगे कहते हैं कि बड़े अरूण कुमार मंडल स्वार्थी किस्म के आदमी हैं. अपने भाइयों पर ध्यान दिये.माता-पिता के बल पर पढ़े और छोटे भाई  शशि कुमार मंडल को पढ़ने नहीं देते थे.इस कार्रवाई से नाखुश होकर शशि थाईमेंट और रोगर खा गया.इसे किसान लोग केले के पेड़ में लगे कीटाणुओं को मारने के लिये प्रयोग करते हैं. भाई शशि को बचाने का प्रयास 4 चिकित्सक किये. अन्तत: वह मर गया.वह 15 साल का था और नौवीं कक्षा में पढ़ता था.उसके सदमे में माताजी उर्मिला देवी 27 अगस्त 2004 में दम तोड़ दी. आगे प्रभाष कुमार मंडल कहते हैं कि उनकी शादी  रूबी देवी के साथ हुई है. हमदोनों के 1 बच्चा 2 बच्ची हैं.सभी पढ़ते हैं.आगे कहते हैं कि मुझ पर जहर खाने वाले लोगों को बचाने को लेकर  जुनून सवार है. 150 लोगों को मौत के मुंह से बचाने में कामयाब हो गये हैं. केवल 4 गंभीर लोगों को ही रेफर किये हैं.वे  अनपढ़ और 25 से 30 वर्ष के थे.जहर खाने व उनके परिजनों को शिक्षित भी करते हैं. आई.ए. उर्तीण हैं प्रभाष कुमार मंडल.14 साल से मेहनत कर रहे हैं.इसके बाद गांव के लोगों ने त्रिस्तरी ग्राम पंचायत 2015 में वार्ड नम्बर 4 के पंच पद पर विजयी माला पहना दिये. तब मलहरिया ग्राम पंचायत के सरपंच संजय कुमार पासवान ने प्रभाष कुमार मंडल को उप सरपंच बना दिये.

कोई टिप्पणी नहीं: