शशिनाथ झा हत्या : फैसले में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 27 अप्रैल 2018

शशिनाथ झा हत्या : फैसले में हस्तक्षेप से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार

sc-refuse-to-hear-sibu-soren-caseनयी दिल्ली 26 अप्रैल, उच्चतम न्यायालय ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शिबू सोरेन को अपने निजी सचिव शशिनाथ झा की हत्या के मामले में बरी करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन की पीठ ने उच्च न्यायालय के 22 अगस्त, 2007 के फैसले में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। उच्च न्यायालय ने सोरेन को इस हत्याकांड में दोषी ठहराने का निचली अदालत का फैसला निरस्त कर दिया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और शशिनाथ के परिजनों ने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा था कि जांच एजेन्सी इस आदिवासी नेता के खिलाफ साक्ष्य जुटाने में बुरी तरह विफल रही है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में चार अन्य व्यक्तियों नंद किशोर मेहता , शैलेन्द्र भट्टाचार्य , पशुपति नाथ मेहता और अजय कुमार मेहता को भी इसी आधार पर सारे आरोपों से बरी कर दिया था। दिल्ली की एक अदालत ने 28 नवंबर 2006 को शशिनाथ झा के अपहरण और हत्या के जुर्म में शिबू सोरेन और चार अन्य को दोषी ठहराया था। शशि नाथ झा 22 मई , 1994 को दक्षिण दिल्ली के धौला कुंआ इलाके से लापता हो गया था। उसे अगले दिन रांची में सोरेन के भरोसेमंद लोगों के साथ कथित रूप से रांची में देखा गया था।

कोई टिप्पणी नहीं: