आतंकवाद अंतराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बडी चुनौती: सीतारमण - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 5 अप्रैल 2018

आतंकवाद अंतराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बडी चुनौती: सीतारमण

http://www.uniindia.com/cms/gall_content/2018/4/2018_4$largeimg05_Apr_2018_220125540.jpg
नयी दिल्ली 05 अप्रैल, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आतंकवाद को मानवता के लिए अभिशाप बताते हुए आज कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है और इससे निपटने के लिए सभी देशों को एकजुट होना होगा। रूस की तीन दिन की यात्रा पर गयी रक्षा मंत्री ने कल रात मास्को में अंतर्राष्‍ट्रीय सुरक्षा पर सातवें ‘मॉस्‍को सम्‍मेलन ’ में ‘ग्‍लोबल सिक्‍युरिटी इन ए पॉलीसेन्ट्रिक वर्ल्‍ड’ विषय पर अपने संबोधन में मौजूदा समय में रक्षा, सुरक्षा और रणनीतिक परिदृश्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का अभिशाप अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में प्रमुख चुनौती बना हुआ है। आतंकवादी अधिक खतरनाक तरीके अपना रहे हैं। युवा कट्टरपंथी नई टेक्नोलॉजी और सोशल मीडिया नेटवर्कों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने आतंकवादियों द्वारा पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय अड्डे स्थापित करने तथा कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव कम करने के प्रयासों की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत काफी लंबे समय से क्षेत्र में परमाणु हथियारों के प्रसार की ओर इशारा कर रहा था, जो हमारी अपनी सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि यूरेशियाई पड़ोसियों के साथ स्थिरता और सुरक्षा सुनिश्चित करने खासतौर से आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए रूस के साथ सहयोग कायम करना भारत के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने खड़ी समस्याओं का समाधान किसी एक देश अथवा देशों के समूह द्वारा नहीं किया जा सकता इसके लिए सबको एकजुट होना होगा।

कोई टिप्पणी नहीं: