- वास-आवास और भूमि अधिकार सम्मेलन कल गेट पब्लिक लाइब्रेरी में. खेग्रामस के बैनर से होगा सम्मेलन.
- खेग्रामस की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में जुटे देश भर के नेतागण.
पटना 26 मई 2018, भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता व अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वदेश भट्टाचार्य और संगठन के महासचिव धीरेन्द्र झा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि आज बिहार में भाजपा - जदयू सरकार के तहत पूरे बिहार में गरीब उजाड़ो अभियान चल रहा है. नीतीश कुमार ने भूमि सुधार के एजेंडे को तो पहले ठंडे बस्ते में डाल दिया है, अब पहले से मौजूद भूमि कानूनों को भी कमजोर कर रही है और बरसों-बरस से दलित-गरीबों के दखल-कब्जा में मौजूद जोत-आबाद की जमीन से उनको बेदखल किया जा रहा है. खेग्रामस नेताओं ने कहा कि राज्य की ग्रामीण आबादी का तकरीबन 30 प्रतिशत दलित और भूमिहीन गरीब परिवार ऐसे हैं, जिनके पास वासभूमि का कोई कागजात नहीं है. वे रैयती, गैरमजरूआ, भूदान अथवा सरकारी जमीन पर बसे हैं. सड़कों और तटबंधों के किनारे लाखों परिवार बरसों-बरस से बसे हैं. 5 डिसमिल वासभूमि देने का कार्यक्रम कमोबेश ठप्प पड़ गए हैं, वहीं बिना वैकल्पिक व्यवस्था के हजारों-हजार परिवार को उजाड़ दिया गया है और लाखों परिवार को नोटिस थमा दिया गया है. उपरोक्त दमनकारी सरकारी अभियान के खिलाफ पूरे बिहार में प्रतिवाद-प्रतिरोध हो रहे हैं. नीचे चल रहे संघर्षों को संगठित करने और उसे और व्यापक बनाने के उद्देश्य से अखिल भारतीय खेत एवं ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) ने पटना में राज्यस्तरीय कन्वेंशन का आयोजन किया है.सरकार, प्रशासन और न्यायालय का संश्रय सामंतों-दबंगों के हित में काम कर रहे हैं. अतिक्रमण हटाने के नाम पर भी गरीबों पर कहर ढाया जा रहा है. इसके खिलाफ कल 27 मई को पटना में वास-आवास और भूमि अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. यह सम्मेलन गेट पब्लिक लाइब्रेरी में होगा. वास-आवास और भूमि अधिकार सम्मेलन के बाद अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा की पटना में दो दिवसीय बैठक भी आयोजित की जाएगी, जिसमें आगामी कार्यभारों पर चर्चा होगी. सम्मेलन में खेग्रामस नेताओं के अलावा सीपीआई-सीपीआईएम से संबद्ध खेत मजदूर संगठनों, खेत मजदूरों के बीच व्यापक तौर पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता आशीष रंजन सहित खेग्रामस की राष्ट्रीय परिषद के नेतागण आदि शामिल होंगे.
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