पटना 23 मई, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के बीच मौजूदगी पर भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) तथा जनता दल यूनाइटेड(जदयू) ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘हाय रे राजनीति, पिता बीमार लेकिन पुत्र तीमारदारी के बजाये चेहरा चमकाने में व्यस्त।’ भाजपा के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ट्वीट कर कहा कि श्री लालू प्रसाद की सबसे बड़ी संतान डाॅ. मीसा भारती न केवल परिवार में सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी हैं, बल्कि पिता की चिकित्सा के समय उनका साथ देकर उन्होंने अपनी गहरी संवेदनशीलता का भी परिचय दिया। बेटी ने मुंबई के अस्पताल में तीमारदारी करना बेहतर समझा, लेकिन बेटे को बेंगलुरु समारोह में चेहरा चमकाना ठीक लगा। उन्होंने आगे यह भी लिखा कि महिला आरक्षण बिल की काॅपी फाड़ने वालों की पार्टी को अपने दुराग्रह छोड़ने ही पड़ेंगे।
श्री मोदी ने एक अन्य ट्वीट कर कहा, “कर्नाटक में भाजपा 40 से 104 सीटों पर पहुंच गई जबकि कांग्रेस को सरकार गंवा कर छोटी पार्टी के अधीन डिप्टी-सीएम पद से संतोष करना पड़ा। वे भाजपा को विधानसभा में बढ़ने से नहीं, केवल कुछ दिन के लिए सत्ता में आने से रोक पाये हैं। अच्छा है कि राहुल गांधी ने पराजय में खुश रहना जल्द ही सीख लिया।” उन्होंने कहा कि मायावती-अखिलेश का बेंगलुरु के शपथग्रहण समारोह में मंच साझा करना साबित करता है कि भाजपा की बढ़ती ताकत से सहमी परस्पर विरोधी ताकतें केवल अस्तित्व बचाने के लिए एक-दूसरे को सहारा दे रही हैं। कर्नाटक विपक्ष की मजबूती नहीं, दयनीय हालत का साक्षी बना। वहीं, जदयू के प्रवक्ता डाॅ. अजय आलोक ने कहा, “हाय रे राजनीति, बाप गम्भीर रूप से बीमार, इलाज के लिए अस्पताल, पुत्र चेहरा चमकाने में बेहाल। हमारी भारतीय संस्कृति में इसीलिए बेटियों को लक्ष्मी कहा गया हैं, ज़रूरत पर मां-बाप के लिए हमेशा रहती हैं लेकिन उत्तराधिकारी बेटे बन जाते हैं। इसपर सोचना चाहिए।” गौरतलब है कि श्री कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में देश भर के कई बड़े नेताओं के साथ बिहार से सिर्फ तेजस्वी यादव को आमंत्रित किया गया था। राजद इसे बेहद अहम मान रहा है और उसका दावा है कि श्री तेजस्वी यादव ने अब राष्ट्रीय स्तर के नेता के रूप में पहचान बन ली है और वह विपक्षी एकता के एक अहम सूत्रधार हैं।
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