आने वाली पीढ़ी को बिहार में हो रहे विकास कार्यों का मिलेगा लाभ : नीतीश कुमार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 24 मई 2018

आने वाली पीढ़ी को बिहार में हो रहे विकास कार्यों का मिलेगा लाभ : नीतीश कुमार

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सुपौल 23 मई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दुहराते हुये आज कहा कि आने वाली पीढ़ी को राज्य में हो रहे विकास कार्यों का लाभ मिलेगा और वे गौरवान्वित महसूस करेंगे। श्री कुमार ने यहां सरायगढ़ भपटियाही उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैदान में सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, मधुबनी एवं दरभंगा जिलान्तर्गत बाढ़ प्रबंधन, बिहार कोसी बेसिन विकास परियोजना, बिहार कोसी बाढ़ समुत्थान परियोजना एवं राज्य योजनान्तर्गत सिंचाई संवर्द्धन के 880 करोड़ रुपये की चार योजनाओं का रिमोट के जरिए शिलान्यास करने के बाद सभा को संबोधित करते हुये कहा कि आने वाली पीढ़ी को राज्य में हो रहे विकास कार्यों का लाभ मिलेगा और वे गौरवान्वित महसूस करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2008 में आयी कोसी त्रासदी से निपटने के लिए पूरी मजबूती एवं समर्पण के साथ काम किया था और उन्होंने उस समय कहा था कि पहले से बेहतर कोसी बनाएंगे। वर्ष 2005 में न्याय यात्रा के दौरान सुपौल एवं अन्य जिलों की क्या स्थिति थी, आज स्थिति में बदलाव से लोगों के चेहरे पर प्रसन्नता है। इससे साफ पता चलता है कि हालात में परिवर्तन आया है। आज जिन योजनाओं का शिलान्यास किया गया है उससे इस क्षेत्र के कई विधानसभा को लाभ मिलेगा। एक करोड़ से अधिक लोगों को फायदा होगा और 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र को सुरक्षित किया जा सकेगा। इन योजनाओं से बाढ़ सुदृढीकरण, नहरों का सुदृढ़ीकरण एवं उस पर सड़क का निर्माण होगा।

श्री कुमार ने कहा कि जल संसाधन विभाग के कार्यों में अब काफी तेजी आयी है। इसके लिए विभाग ने तीन उपविभाग गठित किए हैं। इनमें से एक सिंचाई योजना पर काम करता है, दूसरा बाढ़ नियंत्रण सुरक्षा के लिए काम करता है और एक भाग मुख्यालय है जो दोनों के कामों को देखता है। सबका नेतृत्व अभियंता प्रमुख करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य की 89 प्रतिशत आबादी गांवों में निवास करती है और 73 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार कृषि है। किसानों की दशा सुधारने के लिए कृषि रोडमैप बनाया गया। पहला कृषि रोडमैप 2008 से 2012, दूसरा कृषि रोडमैप 2012 से 2017 एवं तीसरा कृषि रोडमैप 2017 से 2022 तक लागू किया गया है। इसमें कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हरेक बिंदुओं का शामिल किया गया है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार न्याय के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हैं। उन्होंने महिला सशक्तीकरण के लिए किये गये प्रयासों की चर्चा करते हुये कहा कि बिहार पहला राज्य है, जहां महिलाओं को पंचायती राज और नगर निकाय के चुनाव में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। स्वयं सहायता समूह का गठन किया गया, जिससे महिलाओं में आत्मविश्वास का भाव पैदा हुआ। साइकिल और पोशाक योजना से लड़कियों के मन में आगे बढ़ने का उत्साह कायम हुआ। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण को ध्यान में रखकर ही बिहार में शराबबंदी लागू की गई। महिलाओं को सचेत और सतर्क रहना होगा ताकि शराब छोड़कर लोग दूसरी नशीली पदार्थ का सेवन न करने लगें। उन्होंने कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा के उन्मूलन को लेकर अभियान चलाया जा रहा है, यह महिला सशक्तिकरण और समाज सुधार की दिशा में उठाया गया कदम है। 

श्री कुमार ने बिहार में लागू हुई मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य बाल विवाह को रोकना है। इस योजना के तहत दो वर्ष की उम्र पूरा करने वाली बालिकाओं को राज्य सरकार की ओर से 5000 रुपये दी जायेगी, जिसमें लड़की पैदा होने के वक्त उसके माता-पिता के खाते में 2000 रुपये, एक साल बाद आधार से लिंक होने पर 1000 रुपये और दो वर्ष की अवधि तक पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2000 रुपये उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना से लिंग अनुपात सुधरेगा, भ्रूण हत्या में कमी आएगी, बाल विवाह रुकेगा तथा लड़कियां शिक्षित होंगी। इसके अतिरिक्त पहले से चल रही पोशाक योजना की राशि में भी बढ़ोत्तरी की गयी है, जिसमें कक्षा एक एवं दो में पढ़ने वाली लड़कियों को 400 रुपये की जगह 600 रुपये, कक्षा तीन से पांच में पढ़ने वाली बालिकाओं को 500 के बजाये 700 रुपये, कक्षा छह से आठ में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए 700 की जगह 1000 रुपये और कक्षा नौ से 12 वीं में पढ़ने वाली छात्राओं को अब 1000 की जगह 1500 रूपये की राशि पोशाक के लिए प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सातवीं से 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को सैनेटरी नैपकिन के लिए पहले जहां 150 रुपये सालाना दिये जाते थे, अब उसकी जगह उन्हें 300 रुपये प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि बाल विवाह पर लगाम लगाने के लिए इंटरमीडिएट पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10000 रुपये प्रदान करने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है, वहीं स्नातक करने वाली लड़कियों को 25000 रुपये प्रदान करने का भी राज्य सरकार ने निश्चय किया है, वह चाहे कुंवारी हो या विवाहित। इस प्रकार एक बेटी के पैदा होने से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने तक सरकार उन पर 54100 रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि सभी को बेटे की तरह बेटी पर भी ध्यान देना चाहिए और बीमार पड़ने पर उसका इलाज भी कराना चाहिए। लड़की पैदा होने पर लोग पीड़ा महसूस करते हैं, लेकिन अब लड़की होने पर दुखी होने की आवश्यकता नहीं है। सभी को समझना चाहिए कि महिलाओं के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता है।

श्री कुमार ने कहा कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) एवं अतिपिछड़े छात्रो को बिहार लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने पर राज्य सरकार की ओर से 50 हजार रुपये दिये जायेंगे। वहीं, संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण होने वालों को राज्य सरकार एक लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी ताकि वह आगे की तैयारी कर सकें। उन्होंने कहा कि सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल, हर घर शौचालय का निर्माण, हर घर तक पक्की नाली-गली का निर्माण कराया जा रहा है। इस साल के अंत तक हर घर तक बिजली पहुंचा दी जाएगी। सड़क, पुल-पुलियों का निर्माण किया जा रहा है। हरेक क्षेत्र में विकास का काम किया जा रहा है। कमजोर वर्गों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम काम में विश्वास करते हैं, जिनको जो बोलना है, वे बोलते रहें। हमारी मानसिकता हर तबके के विकास के लिए काम करना है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन के लिए भी काम किया जा रहा है। 21 जनवरी 2017 को मानव श्रृंखला में चार करोड़ लोगों ने हिस्सा लेकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था और 21 जनवरी 2018 को बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ 14 हजार किलोमीटर की मानव श्रृंखला बनायी गयी थी। सरकार केवल अभियान ही नहीं चलाती बल्कि इसके लिए पुलिस महानिरीक्षक का पद भी सृजित किया गया है। गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ बिजली बोर्ड के ट्रांसफार्मर पर दिए गए फोन नंबर पर फोन करने से एक से डेढ़ घंटे के अंदर कार्रवाई की जाएगी और उसकी सूचना भी आपको दी जाएगी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सहयोग के बिना पूर्ण विकास नहीं किया जा सकता है। सामाजिक कुरीतियों का खात्मा महिलाओं के सहयोग से ही संभव है। उन्होंने मुसलमानों को रमजान की मुबारकबाद देते हुये कहा कि समाज में भाईचारे एवं प्रेम का माहौल बनाए रखें। उन्होंने कहा कि मिथिला के बिना बिहार का विकास संभव नहीं है और बिहार के बिना देश का विकास संभव नहीं है। बिहार, समाज सुधार के काम से देश का उदाहरण बनेगा।

श्री कुमार ने शिलान्यास कार्यक्रम से पूर्व विश्वनाथ इंटर महाविद्यालय, भपटियाही के प्रांगण में स्व. विश्वनाथ गुरमैता की प्रतिमा का अनावरण किया। समारोह को ऊर्जा एवं मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, विधान परिषद् के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी, अनुसूचित जाति/जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, राज्य योजना पर्षद के सदस्य संजय झा, विधायक नीरज कुमार बब्लू, अनिरुद्ध प्रसाद यादव, मीना देवी और विधान पार्षद विजय मिश्रा ने भी सभा को संबोधित किया। इस अवसर पर जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, कोसी क्षेत्र के आयुक्त सफीना एन., मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, जल संसाधन विभाग के तकनीकी परामर्शी इंदू भूषण सहित अन्य वरीय पदाधिकारी, जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी, अन्य जनप्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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