विजयवाड़ा 29 मई, आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के आज समाप्त हुए तीन-दिवसीय वार्षिक सम्मेलन ‘महानाडु’ में न केवल पार्टी एवं राज्य के हितों बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में तेदेपा की भूमिका को लेकर भी विचार मंथन किया गया जिसमें पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडु ने 2019 के आम चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को सत्ता में आने से रोकने के लिए अथक संघर्ष की कार्यकर्ताओं से अपील भी की। श्री नायडु ने महानाडु के समापन भाषण में कहा कि केंद्र की राजग सरकार सभी मोर्चे पर सफल रही है और उसे आंध्र प्रदेश की जनता से दगाबाजी करने का परिणाम भुगतना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे 2019 के आम चुनावों में राजग को सत्ता के दरवाजे तक फटकने न देने के लिए अभी से अथक प्रयास शुरू कर दें। स्थानीय सिद्धार्थ इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान पर 27 से शुरू हुए ‘महानाडु’ में आंध्र प्रदेश के साथ मोदी सरकार की कथित दगाबाजी एवं सौतेले व्यवहार का मसला छाया रहा। इस वार्षिक सम्मेलन में केवल प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य पर भी चर्चा हुई तथा इसमें दोनों स्तरों पर पार्टी की भूमिका निर्धारित करने वाला एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पेश किया गया।
सम्मेलन में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों एवं इसे विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने सहित विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार के ‘असहयोगात्मक’ रवैये पर श्री नायडु ने सवाल खड़े किये। उन्होंने कहा, “क्या भाजपा नीत केंद्र सरकार इस बात का जवाब देगी कि सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली पार्टी क्यों इस मोर्चे पर असफल रही। पिछले चार वर्षों में देश में बेरोजगारी 6.23 प्रतिशत बढ़ गयी है।” मोदी सरकार के कार्यकाल में बगैर सोचे-विचारे नोटबंदी करने, बैंकिंग व्यवस्था के खस्ताहाल हो जाने और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के कथित रूप से असफल रहने का मुद्दा भी ‘महानाडु’ में विचार विमर्श में शामिल रहा। इस बारे में श्री नायडु ने कहा कि किसान परेशान है, फटेहाल है, बेरोजगारी बढ़ी है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगी हैं। देश की जनता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में भरोसा खो बैठी है।
उन्होंने नीरव मोदी, विजय माल्या और ललित मोदी से जुड़े घोटालों का जिक्र करते हुए कहा, “हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले तथा काला धन लाने का सब्जबाग दिखाने वाले श्री मोदी के वायदे झूठ का पुलिंदा साबित हो रहे हैं और इसका खामियाजा उन्हें आम चुनावों में भुगतना ही पड़ेगा।” तेदेपा प्रमुख ने कहा कि इस बार गैर-राजग सरकार बनेगी और इसमें क्षेत्रीय दलों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी, हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए खुद की उम्मीदवारी से साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि वह आंध्र प्रदेश की तरक्की के विशेष एजेंडे में लगे हैं और उनका एकमात्र लक्ष्य राज्य को दुनिया के मानचित्र पर एक बार फिर खड़ा करना है। उन्होंने अपने समापन भाषण में 15वें वित्त आयोग के दायरे एवं केंद्र-राज्य संबंधों में आ रही गिरावट पर भी सवाल खड़े किये। इस अवसर पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया।

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