पूर्व मध्य रेल परियोजना से लोग हैं विस्थापित
- दो साल से अधिक दिनों बाद भी पुर्नवासित जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया
पटना. कई दशक से गंगा किनारे दीद्या बिंदटोली में बिंद समुदाय के लोग रहते थे.यह क्षेत्र दीद्या थाना और नकटा दिराया ग्राम पंचायत में पड़ता है.यहां के कुछ लोगों के पास रैयती जमीन थी,जिसे माननीय पटना उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश ने नहीं माना.इसके कारण संपूर्ण दीद्या बिंदटोली के लोगों को पूर्व मध्य रेल परियोजना की सुरक्षा तटबंध निर्माण के लिये विस्थापित होना पड़ा.इनको कुर्जी दियारा क्षेत्र में पुर्नवासित कर दी गयी. अब भी नकटा दियारा के ही मतदाता हैं. खैर, कुर्जी दियारा में पुर्नवासित हैं. यहां के निवासी यदु महतो कहते हैं कि जहां पर हम बिंद समुदाय के लोग रहते हैं वहां काफी गढ्डा है.दीद्या विधान सभा के विधायक डॉ.संजीव चौरसिया ने प्रशासन से कहा कि मिट्टी भरवाकर ही लोगों को बसाये.विधायक की बात को अनसुनी कर लोगों को गढ्डा में ही बसा दिया.जहां प्रत्येक साल बाढ़ आने की संभावना बनी रहती है.इसके नजर पप्पू यादव नामक सामाजिक कार्यकर्ता ने मिट्टी भराई का कार्य करवाया. मजे की बात है कि विस्थापितों को पुर्नवासित पर्चा और जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिला है. इस ओर विधायक को कदम उठाने की जरूरत है.विधायक फंड से बिंदटोली में सामुदायिक भवन बना है. इसका उद्घाटन विधायक डॉ. संजीव चौरसिया जी के करकमलों से हुआ. मौके पर नकटा ग्राम पंचायत के मुखिया भागीरथ यादव,पूर्व मुखिया अशोक, पूर्वी दीद्या मंडल अध्यक्ष धर्मेंद्र यादव,जिला मंत्री संजय राय, प्रवक्ता अरविंद कुमार वर्मा, मनोज, पुरूषोत्तम, इंद्रजीत, भुनेश्वर के साथ अन्य लोग उपस्थित थे.
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