पटना.बिहार मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं न्यायाधीश मान्धाता सिंह. ज्ञापांक बीएचआरसी/कम्प.300/17 दिनांक 04/ 04/ 2018 7460 की सुनवाई कर रहे थे.आवेदन ने 30 हजार रू.क्षतिपूर्ति देने की मांग की थी.इस न्यायाधीश मान्धाता सिंह ने कहा कि आप अधिक लालची नहीं बने. ज्ञापांक बीएचआरसी/ कम्प.300/ 17 के दिनांक 04/04/2018 7460 आवेदक है विक्टर केरोबिन. मखदुमपुर बगीचा,शिवाजी नगर, रामस्वरूप ठेकेदार के मकान के सामने,पो०+थाना दीद्या,पटना सदर,पटना के निवासी है. इनको सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलता था.सामाजिक सुरक्षा पेंशन बुक हो गया.इसको लेकर विक्टर परेशान थे. विक्टर केरोबिन ने 18 मार्च 2010 को डी.एम. को आवेदन दिया.इसके अलावे एस.डी.ओ.को भी आवेदन दिया गया.एकाउंट्स नं.रहने के बावजूद फाइल नहीं मिलने के कारण नया आवेदन पत्र भरकर देने को कहा गया.आवेदक विक्टर ने पटना सदर प्रखंड में आवेदन दिया. विकलांगता प्रमाण पत्र का भी आवेदन दिया.इतना करने के बाद बी. डी. ओ.से मिला गया.बी.डी.ओ. ने कहा कि अंतिम निकासी की फाइल नहीं है.कैसे पुराने एकाउट्स को चालू कर सकें. विक्टर ने कहा कि एक आवेदन बिहार मानवाधिकार आयोग को भी दिया गया.इसके बाद सामाजिक सुरक्षा पेंशन के कार्य में 'पर' लग गया.काफी गति से कार्य होने लगा.इसी को आधार बनाकर न्यायाधीश मान्धाता सिंह ने कहा कि बिहार राज्य नि:शक्तता सामाजिक सुरक्षा पेंशन नियमावली के नियम -8 के अधीन पेंशन की मंजूरी मिली. लेखा संख्या 160 और 400.00 1.6.17 को स्वीकृति की गयी.इसे अधिक नहीं की जा सकती है.
बुधवार, 23 मई 2018
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बिहार : 'अधिक लालची नहीं बनें'
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