मोदी शासन में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत ने सारे रिकार्ड तोड़े : माले - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 22 मई 2018

मोदी शासन में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत ने सारे रिकार्ड तोड़े : माले

  • भाजपा सरकार जनता को लूटने वाली सरकार साबित हुई, महंगाई आसमान छू रही.

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पटना 22 मई 2018, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि महंगाई को नियंत्रित करने का वादा कर सत्ता में आई नरेन्द्र मोदी सरकार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत ने पुराने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं और इस सरकार की पहचान सरपट गति से महंगाई बढ़ाने वाली सरकार की हो गई है. हमारी पार्टी पेट्रो पदार्थों की कीमत में की गई एक बार फिर से वृद्धि की कड़ी निंदा करती है और इसे अविलंब वापस लेने की मांग करती है.  पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए मोदी सरकार इस कदम के जरिए और भी मुसीबतें बढ़ा रही है. तेल मूल्य में वृद्धि से उपयोग में आने वाली सभी चीजों के दाम में वृद्धि होना लाजमी है. किराया, भाड़ा आदि बढ़ना अनिवार्य है. अर्थात महंगाई में भारी बढ़ोतरी होगी जिसकी मार आम जनता पर ही पड़ेगी. अब इसमें कोई संदेह नहीं कि भाजपा सरकार की नीति बन गई है- ’जनता की जेब कतरो’, थैलीशाहों की थैली भरो’. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा पेट्रो पदार्थों के मूल्य नियंत्रण के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. भारत में तेल पर जितना अधिक उत्पाद कर है उतना दुनिया के शायद किसी देश में नहीं है. उत्पाद कर के अलावा और भी कई तरह के कर लगाए गए हैं. ये सब कर महंगाई के रूप में आम अवाम से वसूली जाती है और थैलीशाहों की थैलियों में डाली जा रही है.  विडंबना यह है कि जो नेपाल व भूटान जैसे पड़ोसी देश भारत से ही तेल लेते हैं, वहां तेल का मूल्य भारत से काफी कम है. इससे साबित होता है कि तेल के मूल्य को नियंत्रित करने की कोई इच्छाशक्ति मोदी सरकार के पास नहीं है. अंत में कहा कि भ्रष्टाचार, पेट्रो पदार्थों की कीमत में बढ़ोतरी, कृषि संकट आदि कारकों ने मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश का निर्माण किया था. वही अब मोदी राज के खिलाफ शुरू हो चुका है.

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