चंडीगढ़ ,20 मई, पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवतं सिन्हा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)अब पहले जैसी आंतरिक लोकतंत्र वाली पार्टी नहीं रही क्योंकि अब उसे कोई और ही नियंत्रित कर रहा है । वे आज यहां सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के साथ राष्ट्र मंच की तरफ से आये थे । उन्होंने कहा कि यह कोई संगठन नहीं आंदोलन है और आंदोलन को कभी पार्टी में बदलने का उनका इरादा नहीं है । उन्होंने कहा कि भाजपा में जब मैं आया था उस समय हालात कुछ और थे तथा अटल बिहारी वाजपेयी ,लालकृष्ण आडवाणी जैसे महान नेता थे ।पार्टी में लोकतंत्र था लेकिन अब वो पार्टी नहीं रही । उसे कोई अौर ही कंट्रोल कर रहा है । पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्हें अटल जी के साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं महसूस होती थी लेकिन धीरे -धीरे पार्टी में लोकतंत्र खत्म होता गया अौर आज दो हाथों की कठपुतली बन कर रह गयी है वहीं भाजपा ।इसे बदलने के सारे प्रयास विफल होते नजर आये तो मैंने सोचा कि समय आ गया है जब पार्टी छोड़कर अपनी बात खुलकर रख सकूं । स्वेच्छा से कह सकूं । श्री सिन्हा ने कहा कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदाता अपना फैसला मोदी सरकार के पांच साल के कामकाज के आधार पर देगा ।अब बड़ा प्रश्न ये है कि देश की राजनीति आगे कैसे चलती है । राजनीति करवटें बदल रही है और अगले दस -ग्यारह माह में क्या बदलाव आते हैं । उसका इंतजार रहेगा ।बहुत सारे सवाल देश के सामने हैं । लोगों में निराशा का वातावरण है क्योंकि श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले जो वादे किये थे वे महज चुनावी जुमले थे । चारों ओर युवकों से लेकर सभी वर्गों में घोर निराशा है ।
श्री सिन्हा ने कहा कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदाता अपना फैसला मोदी सरकार के पांच साल के कामकाज के आधार पर देगा ।यह बात समझ लीजिये कि मोदी मुद्दा नहीं हैं और मुद्दे मुद्दे हैं । अस्थिरता ,मंहगाई ,बेरोजगारी ,किसानी ,विदेश नीति गरीबी ,अर्थव्यवस्था सहित अनेक महत्वपूर्ण मुद्दें हैं जो छाये रहेंगे लेकिन व्यक्ति नहीं । उन्होंने कहा “ मैं पहले भी स्पष्ट कर चुका हूं कि चुनावी राजनीति, दलगत राजनीति में नहीं रहूंगा और न ही किसी दूसरे दल में जाऊंगा और न जा रहा हूं चूंकि अभी विवेक जिंदा है । श्री सिन्हा ने कहा कि देश के सामने अनेक गंभीर मुद्दे हैं और उसके बारे में जो सही है उसे लोगों के सामने खुलकर रखेंगे तथा जनता में चेतना लाने का काम करेंगे और पिछले कुछ समय से वह कर रहे हैं । अब वह पब्लिक रोल निभायेंगे । भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह राष्ट्र मंच कोई संगठन नहीं बल्कि आंदोलन है ।वह चाहते हैं कि बहुत सारे सवाल देश के सामने हैं जिन्हें लोगों के समक्ष खुलकर रखा जा सकें । आम चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के लिये महागठबंधन तथा मोदी की टक्कर के नेता के बारे में पूछने पर श्री सिन्हा ने कहा कि समय आयेगा तो कोई लीडर जरूर उभरेगा । नेहरू जी के बाद कौन ,लाल बहादुर शास्त्री के बाद कौन और इंदिरा गांधी के बाद कौन ।ऐसे सवालों की जरूरत नहीं होता । कोई न कोई नेता जरूर आगे आता है । इस बारे में किसी को चिंता नहीं करनी चाहिये । यदि क्षेत्रीय दल एकजुट हो जाते हैं तो वे अपने लक्ष्य में कामयाब हो सकते हैं आैर ऐसा होने जा रहा है । अब जीत हार की परिभाषा बदलनी होगी । इतिहास की अनदेखी नहीं करनी चाहिये । मोदी सरकार की आंतरिक नीति के बारे में पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार अंदर भी हर मोर्चे पर विफल रही तथा विदेश नीति के मामले में भी नाकाम रही है । नोटबंदी की कोई जरूरत नहीं थी तथा इसका सबसे बुरा असर असंगठित क्षेत्रों पर पड़ा । जीएसटी से भी अर्थव्यवस्था को कोई लाभ नहीं हुअा ।बेरोजगारी चरम पर है । सरकार कें पास सही आंकडे पेश को नहीं हैं । काला धन तो आया ही नहीं । स्टार्टअप ,मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम कोई करिश्मा नहीं दिखा सके । पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की पाकिस्तान को लेकर नीति फेल रही है । पाकिस्तान ने मोदी जी को बेवकूफ बनाया । हमारी सरकार पाक को छूट देती रही लेकिन सीमा पार से आतंकी गतिविधियां बढ़ती रहीं ।जम्मू कश्मीर में हालात बिगड़े हैं । कश्मीर में भयावह तस्वीर देखने को मिलती है । गोलीबारी की घटनाओं ने सीमा से लगे इलाकों में लोगों का जीना दूभर हो गया है । सीजफायर तार -तार होता रहा । उसे बहाल करने की जरूरत है 1 उन्होंने कहा कि किसानों की दुर्दशा है । अब किसानों ने फैसला किया है कि गांव बंद के दौरान जून में वे दाल सब्जी ,अनाज और दूध सब बंद कर देंगे । शहरों में कुछ नहीं जायेगा ।
इस मौके पर श्री शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि लोकेशन वही होगा सिचुएशन (परिस्थिति )चाहे जो भी हो ।अटल जी तथा आडवाणी जी के समय वह पार्टी के स्टार प्रचार रहे लेकिन अब तो पार्टी में वन मैन शो है। उन्हें नहीं मालूम कि पार्टी उन्हें निकाल क्यों नहीं रही । यह तो वो ही बता सकते हैं । हो सकता है कि मुझ पर कोई आरोप नहीं तथा लोकप्रियता बढी है । वो जाे कर रहे हैं पार्टी की मर्यादा के खिलाफ कुछ नहीं कर रहे । श्री सिन्हा ने कहा कि वो तो राष्ट्रीय हित में ही काम कर रहे हैं लेकिन अन्य तो स्तुतिगान कर रहे हैं । मैं तो हर बात मर्यादा में रहकर बोलता हूं 1 अब हालात सही दिशा में जा रहे हैं । कर्नाटक प्रकरण ने भाजपा को नीचा देखना पड़ा । क्या सच को सच कहना बगावत है । यदि वो उसे बगावत कहतेे हैं तो हम भी बागी हैं । मैं देश की जनता के साथ हूं और सच के साथ हूं । उन्होंने कहा कि अब भाजपा मोदी जी की पार्टी है । मैं पार्टी छोडूंगा नहीं और उसमें रहकर ही काम करूंगा । बिहार विधानसभा चुनाव में ही मेरी पार्टी ने बिहारी बाबू (शुत्रघ्न सिंन्हा )को प्रचार में नहीं उतारा । उन्होंने कहा कि वह राष्ट्र मंच का पैगाम लेकर आये हैं जिसका उद्देश्य राजनीतिक न होकर राजनीति को नयी दिशा देना है । यह रचनात्मक मूव है एंटी पार्टी मूव नहीं । देश का भला हो ,समाज आगे बढे और जो भी देश हित का जज्बा रखने वाले हों वो इसमें शामिल हो सकते हैं ।

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