आरक्षण का आधार जाति नहीं, गरीबी बनें : माझी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।


सोमवार, 21 मई 2018

आरक्षण का आधार जाति नहीं, गरीबी बनें : माझी

reservation-with-poverty-manjhi
नयी दिल्ली, 20 मई,  बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(सेक्युलर)के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने आज कहा कि देश में आरक्षण का आधार जाति और समुदाय नहीं बल्कि गरीबी को बनाया जाना चाहिए। श्री माझी ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकारों को लेकर यहां संसद मार्ग पर आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जब तक गरीबी का उन्मूलन नहीं होता है तब तक विकास की बात करना बेइमानी है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों में गरीब को इज्जत से जीने का हक मिले इसके लिए सवर्णों को भी आरक्षण के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार दलितों और आदिवासियों को संविधान में दिए गए अधिकारों को एक साजिश के तहत कमजोर कर रही है। दलितों के प्रति केंद्र सरकार के रवैये को नकारात्मक बताते हुए उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में दलितों की हत्याएं हो रही हैं और इस समुदाय की महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ रही हैं लेकिन केंद्र सरकार इस बारे में कोई कदम नहीं उठा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री ने देश में समान शिक्षा प्रणाली लागू करने की मांग की और कहा कि दुनिया के अन्य देशों की तर्ज पर जब तक पूरे देश में समान शिक्षा व्यवस्था लागू नहीं की जाती है तब तक गरीबों का भला नहीं हो सकता है और ना ही देश का समग्र विकास हो सकता है।

कोई टिप्पणी नहीं: