नई दिल्ली (आर्यावर्त डेस्क) पत्रकार स्वर्गीय आलोक तोमर की स्मृति में एमए हिंदी के टॉपर को दिया जाने वाला आलोक तोमर स्मृति स्वर्ण पदक इस बार 19 मई को होने वाले दीक्षांत समारोह में नहीं दिया जायेगा. 11 मई को डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के कार्यवाहक कुलपति प्रवीर कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हाई एकेडेमिक कौंसिल की बैठक में निर्णय लिया गया कि अब आलोक तोमर स्मृति स्वर्ण पदक नहीं दिया जाएगा. आलोक तोमर की स्मृति में दिए जाने वाले स्वर्ण पदक को आगे से न देने के फैसले से खासकर पत्रकारों में बेहद रोष है. पत्रकारों का कहना है कि आलोक तोमर जैसे साहसी और सरोकारी पत्रकार की स्मृति में दिए जाने वाले पदक को जारी रखने से विश्वविद्यालय का ही मान-सम्मान बढ़ता. लखनऊ स्थित डॉ शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के प्रथम पूर्णकालिक कुलपति डॉ निशीथ राय द्वारा विद्यापरिषद और कार्यपरिषद के अनुमोदन के उपरांत इस सम्मान का फैसला हुआ था. दरअसल, डॉ निशीथ राय की नियुक्ति समाजवादी पार्टी की सरकार के समय किया गया था. राय का कार्यकाल जबकि जनवरी'19 तक है लेकिन मौजूदा योगी सरकार ने डॉ राय को विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों में अनियमितता की जांच के आधार पर कार्य से विरक्त किया हुआ है. जब तक जांच चलेगी, तब तक राजस्व परिषद के अध्यक्ष आईएएस प्रवीर कुमार कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्य देख रहे हैं. बहरहाल, मुलायम सिंह यादव के नाम पर राजनीति शास्त्र में परास्नातक के सर्वोच्च नंबर पाने वाले छात्र को भी स्वर्ण पदक दिया जाता था. इस पदक के बाबत भी फैसला लिया गया है कि अब यह पदक किसी को नहीं दिया जाएगा.
साभार : रिपब्लिक
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