दुमका : आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविकाओं की भूमिका यशोदा की तरह : आरती कुजूर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 14 जून 2018

दुमका : आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविकाओं की भूमिका यशोदा की तरह : आरती कुजूर

  • माॅडल आॅंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण व रेप्लीकेशन पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला। 

arti-kujur
दुमका (आर्यावर्त डेस्क) 14 जून, आंगनबाड़ी केंद्र महज खिचड़ी केंद्र नहीं है बल्कि स्कूल पूर्व शिक्षा एवं संस्कार दिया जाने वाला केंद्र है यहाॅ कुम्हार जैसे कच्चे मिटटी से घड़ा बनाता है लकड़ी मिस्त्री जिस तरह सुन्दर समान बनाता है उसी तरह आंगनबाड़ी केन्द्र है जहाॅ बच्चों को रूप-स्वरूप देने का केन्द्र है,  झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, क्रेज, कैम्पेन फाॅर राईट टू एजुकेशन इन झारखण्ड एवं क्राई के संयुक्त तत्वावधान में होटल आदित्य रेसिडेंसी सभागार में स्कूल पूर्व शिक्षा के  जमीनीकरण के लिए माॅडल आॅंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण व रेप्लीकेशन पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला  को संबोधित करते हुए राज्य की  समाज कल्याण एवं बाल विकास मंत्री डाॅ लोईस मरांडी ने उपरोक्त बातें कही। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक संस्थाएं सरकार को काफी सहयोग कर रही हैं।  क्राई व  क्रेज जैसी संस्थाओं ने शिक्षा व आंगनबाड़ी केन्द्र को माॅडल के रूप में विकसित करने के लिए जो मानक बना रखी है उसे बनाने में समय तो लगा किन्तु  यह बहुत ही प्रभावशाली होगा।  उन्होंने कहा कि क्रेज व क्राई  के माध्यम से जो सुझाव सरकार को प्राप्त हो रही है उसे  पूरा करने का भरसक प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा अपनी जिम्मेवारी को समझना होगा।  नन्हें बच्चों के लिए सामुहिक रूप से कार्य करना होगा। सेविका ओं को प्रशिक्षण, आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय, भवन, निर्माण जैसे कार्य सरकार तेजी से कर रही है। कहा कि आंगनबाड़ी की व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है लेकिन इसमें और  सुधार की आवश्यकता है। विशिष्ट  अतिथि के रूप में झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष आरती कूजूर ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविकाओं की भूमिका यशोदा की तरह है। कृष्ण तो देवकी के  गर्भ से पैदा हुए थे किन्तु पालन-पोषण यशोदा ने किया था। सेविकाओं को समाज के बच्चों के लिए काम करना होगा।  कुपोषण, बाल विवाह जैसे मुददे को भी पहचानने व उसके लिए काम करने की आवश्यकता है। आयोग के सदस्य अनहद लाल ने कहा कि आने वाले समय में आंगनबाड़ी केन्द्र  माॅडल बनने में काफी कारगर साबित होगा. सदस्य भूपेन साहू ने कहा कि आयोग इस अभियान में हर सम्भव मदद करेगी. क्राई के इस्टर्न जोन एशोसिएट के जेनरल मैनेजर सुशांती चक्रवर्ती ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों के सर्वागीण विकास का केंद्र है। इसी उद्देश्य को और सार्थक करने के लिए क्राई, के्रज सहित अन्य सहमना संस्था-संगठन लगातार प्रयास कर रही है। व्यक्तिगत तौर पर भी हम सबों को इस व्यवस्था को ओर दुरूस्त करने की जवाबदेही लेनी चाहिए। तभी आज का बच्चा कल हैप्पी और हेल्थी होकर व्यस्यक नागरिक बनेंगे। विषय प्रवेष कराते हुए क्रेज के डा0 नीरज ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में उपस्थिति बढ़ाने, छीजन दर में कमी लाने, बच्चों को स्कूलपूर्व षिक्षा की सेवाएं उपलब्ध कराने, आनंददायी षिक्षा के प्रति सेविकाओं में अभिरूचि जगाने, उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग कराना, नये आंगनबाड़ी की मांग करना, केंद्र की ओर से मिलने वाली 6 सेवाओं को सुनिष्चित करना आदि के दिषा में क्रेज और क्राई विगत डेढ दशक से राज्य के 12 जिलों में कार्य कर रही है। कार्यक्रम को बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज साह, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी स्वेता भारती आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान क्रेज व  क्राई ने मंत्री व आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को सम्मानित किया।  झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने झारखण्ड राज्य में बाल अधिकार को लेेकर लम्बे समय से कार्य करने के लिए क्रेज एवं क्राई को सम्मान पत्र, शाॅल एवं मोमेंटों देकर सम्मानित किया. इन केन्द्रों को माॅडल बनाया जाएगा:  दुमका जिला में हरिपुर, आसनसोल पहाड़िया टोला, हिजला, नकटी, चंदोपानी, सितपहाड़ी, नगरापाथर, शिकारपुर, कुशबेदिया एवं महुआपाथर गोडडा जिला के मानिकपुर, आसनबोना, खिजुरिया, तेतरिया2, तिलाबाद प्रधानटोला, गिरीडीह जिला में गिधियो, जोगीटाॅड़, चिगोजोरी, दुधियानो, चिलगा कोडरमा जिला में पोखरडीहा, कटैया हरिजन टोला, ढाब, कलाखैरा बिरहोर काॅलनी, मीरगंज, सलैयडीह, बसधरवा पूर्वी सिंहभूम जिला में न्यू कपाली बस्ती, बिरसा बस्ती सोनारी, जहीरा बस्ती सोनारी, रूप नगर सोनारी एवं गाॅधी बस्ती कदमा शामिल है. कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मनोज साह सदस्य रमेश साह, सुमिता सिंह, धर्मेन्द्र, रंजी साह बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चन्द्रा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, महिला पर्यवेक्षिका, आंगनबाड़ी सेविकाओं, सहायिकाओं एवं संस्थाकर्मियों की भागीदारी रही। कार्यक्रम का संचालन क्रेज के राज्य समन्वयक कालेष्वर मंडल एवं धन्यवाद ज्ञांपन डाॅ नीरज कुमार ने किया। 

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