पटना (आर्यावर्त डेस्क) 14 जून, . एकता महिला मंच बिहार के बैनर तले जनांदोलन 2018 के तहत दो दिवसीय राज्यस्तरीय युवा महिला मुखिया नेतृत्व शिविर वृहस्पतिवार को प्रगति भवन में संपन्न हो गया. मौके पर महिलाओं की सक्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश से आयी कस्तूरी बहन ने 'चुप रहकर अब जी नहीं पाओगी जरा सबको कह दो' नामक गीत प्रस्तुत की.वहीं गगनचुम्बी नारा भी बुलंद किये. किसान का दर्जा देना होगा, देना होगा,देना होगा, फूल नहीं चिंगारी हैं हम भारत की नारी हैं.बंदूक नहीं कुदाल चाहिए हर हाथ को काम चाहिए. गया,जहानाबाद,मुजफ्फरपुर,पश्चिमी चम्पारण,मधेपुरा,पटना,भोजपुर आदि जिलों से आये सैकड़ो महिलाओं को दलों में विभक्त कर महिलाओं की समस्या पर दलीय चर्चा की गयी. दलीय चर्चा के दरम्यान मसला सामने आयी. जमीन का पर्चा है परंतु कब्जा नहीं. जमीन पर रहते हैं परंतु पर्चा नहीं वनाधिकार भूमि पर कब्जा करके जमीन पर पैदावार करते हैं.जमीन को बंद कर देते हैं और राह नहीं देते है. बाल विवाह, महिला को किसान का दर्जा मिले.भूमि ही पहचान है हर बात में भूमि की कागजात साक्ष्य के रूप में पेश करने को कहा जाता है. एकता महिला मंच की राष्ट्रीय संयोजिका श्रद्धा कश्चयप ने कहा कि हमलोग 30 साल से लगेंगे है लोकल लीडरशीप विकसित करने को.ये लीडर 2007 में जनादेश और 2012 में जन सत्याग्रह पदयात्रा सत्याग्रह में गये थे.अब 2018 जनांदोलन में जाने वाले हैं. इस शिविर में मंजू डूंगडूंग, पुष्पा,सिंधु सिन्हा,प्रदीप प्रियदर्शी आदि ने संचालन किया.
गुरुवार, 14 जून 2018
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बिहार : युवा महिला मुखिया नेतृत्व शिविर
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