मधुबनी : तम्बाकू निंयत्रण कोषांग, जिला स्वास्थ्य समिति, मधुबनी को मिला सम्मान - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 1 जून 2018

मधुबनी : तम्बाकू निंयत्रण कोषांग, जिला स्वास्थ्य समिति, मधुबनी को मिला सम्मान

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मधुबनी (आर्यावर्त डेस्क) 01 जून, जिला तम्बाकू निंयत्रण कोषांग, जिला स्वास्थ्य समिति, मधुबनी को राज्य स्तर पर किया गया सम्मानित मधुबनी, दिनांक 31.05.2018 को विष्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग, पटना, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, पटना तथा गैर सरकारी संस्था सीड्स के तत्वावधान में होटल पाटलीपुत्रा अषोक, वीरचन्द पटेल मार्ग, पटना में आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग, मधुबनी को सम्मानित किया गया।  जिला तम्बाकू नियंत्रण कोषांग, मधुबनी की ओर से जिला कार्यक्रम प्रबंधक द्वारा यह सम्मान कार्यपालक निदेषक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार, पटना तथा प्रधान सचिव, स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार की उपस्थिति में माननीय मंत्री स्वास्थ्य, श्री मंगल पाण्डेय के कर कमलों द्वारा प्राप्त किया गया।  ज्ञातव्य हो, कि राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत मधुबनी जिला को वर्ष 2014 में शामिल किया गया था। इसके उपरांत के वर्षो में इस कार्यक्रम के अन्तर्गत किये गये कार्यो तथा वर्ष 2017 के प्रथम त्रैमास में राज्य स्तर से चयनित स्वतंत्र एजेंसी द्वारा किये गये सर्वे उपरांत मधुबनी जिला को ’धूम्रपान मुक्त जिला’ घोषित किया गया। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत जिला स्तर पर गठित तम्बाकू नियंत्रण कोषांग के जिला पदाधिकारी अध्यक्ष होते है।  इस कार्यक्रम के अन्तर्गत ब्व्ज्च्। 2003 की धाराओं का अनुपालन कराया जाता है, जिसमें सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर रोक, शैक्षणिक संस्थानों के 100 गज की परिधि में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर निषेध, तम्बाकू उत्पादों के बिक्रेता को निर्धारित मानक के अनुरूप 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक से संबंधित प्रदर्षन, कार्यालयों, सिनेमाघरों, क्लबों, रेलवे स्टेषनों, बस स्टैण्डों आदि पर धूम्रपान निषेध से संबंधित निर्धारित आकार के चेतावनियों का प्रदर्षन, इसके उल्लंधनकत्र्ताओं को 200 रूपये तक का अर्थदण्ड, छापामारी आदि का प्रावधान है। इस कार्यक्रम के जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग से नोडल पदाधिकारी, उपाधीक्षक, सदर अस्पताल हैं।  सिविल सर्जन, मधुबनी ने बताया कि, ’’एक आकड़े के मुताबिक बिहार में प्रत्येक वर्ष 2,68,000 मरीज कैंसर के होते हंै, जिनमें लगभग 40 प्रतिषत कैंसर के मरीज तम्बाकू सेवन के कारण होते है। बिहार राज्य में कैंसर के लगभग 22,000 मरीजों को भर्ती किये जाने की सुविधा है, शेष मरीजों को राज्य के बाहर इलाज हेतु जाना पड़ता है। समाज में तम्बाकू के दुष्परिणाम से ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करने तथा जन सामान्य को जागरूक करने से ही इसपर सफलता प्राप्त की जा सकती है’’। 

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