पटना 19 जून, बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को उनके पिता एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एवं उनकी माता राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में राज्य में हुये आपराधिक घटनाओं का ब्यौरा देने की चुनौती देते हुये अाज कहा कि यदि वह ऐसा कर दें तो उनके अपराध पर ज्ञान को स्वीकार कर लिया जाएगा। जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने यहां श्री तेजस्वी यादव को लिखे खुले पत्र में कहा, “यदि आप सच में अपराध को लेकर गंभीर हैं तो सबसे पहले आपको अपने परिवार (लालू-राबड़ी) के कार्यकाल में हुई अपराधिक घटनाओं पर श्वेत पत्र जारी करे। उसके बाद ही अपराध पर आपका ज्ञान स्वीकार्य होगा। तेजस्वी जी, क्राइम एक्सपर्ट बनने से पहले केवल इतनी जानकारी साझा कर दीजिए कि आपके परिवार के शासनकाल में बिहार में जिन 17000 लाेगों का अपहरण हुआ उनकी रिहाई में कितने अपहरणकर्ताओं पर कार्रवाई हुई। जवाब देने के लिए अपने माता-पिता की मदद भी ले सकते हैं।” श्री सिंह ने कहा कि श्री लालू यादव बिहार के ऐसे एकलौते मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने सत्ता में बैठकर वर्षों तक राज्य में अपराध का आंकड़ा तक इकट्ठा नहीं करने दिया। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि 17 हजार अपहृतों की रिहाई में मिली फिरौती का लालू परिवार की संपत्ति में कितना अंश है। यह बताने का साहस नहीं है आपमें। उन्होंने कहा कि श्री तेजस्वी यादव में इन सवालों का जवाब देने का माद्दा नहीं इसलिए उन्हें 15 साल के राजद के कार्यकाल पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए।
जदयू प्रवक्ता ने कहा, “तेजस्वी यादव जी, झूठ की जमीन पर हासिल सत्ता बहुत देर नहीं टिकती है। इस बात को प्रमाणित हुए एक साल पूरे होने को हैं लेकिन आप अभी भी आपराधिक घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर झूठ की सियासत में व्यस्त हैं। तेजस्वी जी, आपका नाम बिहार के उप मुख्यमंत्री की सूची में तो अवश्य जुड़ गया लेकिन आप वाकई परिस्थितियों के उप मुख्यमंत्री थे। बगैर योग्यता के पदधारक, जिसके लिए बिहार की राजनीतिक परिस्थितियों ने किस्मत का पिटारा खोल दिया। लेकिन, वहां भी आपके झूठ ने बेड़ा गर्क कर दिया।” श्री सिंह ने कहा कि आपराधिक घटनाओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार हमेशा चुनौती के तौर पर लेती है। अपराधियों पर कार्रवाई भी होती है लेकिन घटनाओं पर आपकी बयानबाजी केवल राजनीति है, यह बात बिहार की जनता भी समझती है। नब्बे के दशक में तेजस्वी यादव के परिवार ने बिहार पर जो कालिख पोती उसके आंकड़े याद नहीं तो फिर से स्मरण कर लीजिए। अपने पिता से पूछिए की नब्बे के दशक में अपहरण के बाद फिरौती की रकम लेकर मुख्यमंत्री आवास से अपहरणकर्ता गिरोहों को कौन निर्देशित करता था। यह सच पूरा बिहार जानता है।
जदयू प्रवक्ता ने कहा, “तेजस्वी यादव जी, आज बिहार में अपहरणकर्ताओं के खिलाफ 24 घंटे से कम समय मे कार्रवाई होती है। न केवल अपहृत की सकुशल रिहाई होती है बल्कि अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी भी होती है। तेजस्वी जी, अपना पूरा दामन ही काला है और दूसरे के ऊपर दाग तलाशने निकले हैं। झूठ की जमीन तैयार करना बंद करिये क्योंकि उसके दलदल में फंसना भी आपको ही होगा।तेजस्वी जी, राजनीति करिये लेकिन स्तरहीन होने से बचिए।”
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