भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में 05 जुलाई को झारखंड बंद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 19 जून 2018

भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में 05 जुलाई को झारखंड बंद

jharkahnd-band-on-05-july-by-jmm
रांची 18 जून, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने आज कहा कि भूमि अधिग्रहण (संशोधन) विधेयक को स्वीकृति दिये जाने के विरोध में सभी विपक्षी दलों ने 05 जुलाई को राज्यव्यापी हड़ातल आहूत की है। श्री सोरेन ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति द्वारा विधेयक को स्वीकृति दिये जाने के विरोध में 05 जुलाई को राज्य में चौबीस घंटे की ‘महाबंदी’ रहेगी। हालांकि इस दौरान सभी आपात सेवाएं बहाल रहेंगी। उन्होंने कहा कि हड़ताल से पूर्व 21 जून को राज्य के सभी प्रखंडों में विपक्षी दल के सदस्यों द्वारा विधेयक की प्रति जलाई जाएगी। इसके बाद 25 जून को जिला समाहरणालय में धरना वहीं 28 जून को राजभवन के सामने महाधरना आयोजित की जाएगी, जिसमें 50 हजार से अधिक लोग शामिल होंगे। नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि पूरे राज्य में 30 जून को आयोजित होने वाले हूल दिवस को इस बार विपक्ष की ओर से पंचायत एवं प्रखंड स्तर पर संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दिन होने वाली बैठक में विपक्षी पार्टी एवं सामाजिक संस्थाओं के सदस्य शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा एक समन्वय समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है, जो विधेयक को लेकर सरकार की कार्यवाही पर नजर रखेगी।

श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड की रघुवर दास सरकार ने इस विधेयक को जबरदस्ती थोपने का निर्णय लेकर राज्य की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। ऐसे में सभी विपक्षी दल साथ मिलकर राज्य सरकार एवं उसके मंत्रियों को जवाब देंगे। उन्होंने झारखंड सरकार पर राज्य में साम्प्रदायिक मुद्दों को भड़काने का आरोप लगाया है। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में कहा कि यदि भूमि अधिग्रहण (संशोधन) विधेयक के प्रावधानों में यदि कृषि भूमि को जबरन नहीं लिया जाएगा तो विधेयक में कौन सी नयी चीजों को शामिल किया गया है। उन्होंने राज्य सरकार से झारखंड के अलग राज्य बनने के बाद छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) एवं संतालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम के तहत आने वाली जमीनों का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने सरकार से मोमेंटम झारखंड निवेशक सम्मेलन के जरिये औद्योगिक एवं कॉर्पोरेट घरानों को बांटी गई जमीनों का भी ब्यौरा देने की मांग की है। श्री सोरेन ने कहा कि आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक भी कार्यकर्ता को गांवों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुये कहा कि वह और सभी विपक्षी दल भूमि अधिग्रहण विधेयक पर बहस करने को तैयार हैं, भाजपा तिथि, समय और स्थान बता दे।

कोई टिप्पणी नहीं: