कबीर के आदर्शों को आगे रख मोदी का विपक्ष पर जबर्दस्त हमला - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 29 जून 2018

कबीर के आदर्शों को आगे रख मोदी का विपक्ष पर जबर्दस्त हमला

modi-attack-opposition-by-kabir
मगहर (उत्तर प्रदेश), 28 जून, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संत कबीर के आदर्शों और जीवन दर्शन को आगे रखते हुए आज विपक्षी दलों पर जबर्दस्त हमला बोला। मोदी ने कहा कि कुछ दल महापुरूषों के नाम पर स्वार्थ की राजनीति कर रहे हैं और समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। मोदी यहां मगहर में कबीर के निर्वाण स्थल के दर्शन के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'समय के लंबे कालखंड में संत कबीर के बाद रैदास आये, सैकड़ों वर्षों के बाद महात्मा फुले आये, महात्मा गांधी आये, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर आये। समाज में फैली असमानता को दूर करने के लिए सभी ने अपने-अपने तरीके से समाज को रास्ता दिखाया। ​बाबा साहेब ने हमें देश का संविधान दिया। एक नागरिक के तौर पर सभी को बराबरी का अधिकार दिया।'  उन्होंने कहा, 'दुर्भाग्य से आज इन्हीं महापुरूषों के नाम पर कुछ दल स्वार्थ की राजनीति के जरिए समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कुछ दलों को समाज में शांति और विकास नहीं बल्कि कलह और अशांति चाहिए। उनको लगता है कि जितना असंतोष और अशांति का वातावरण बनाएंगे उनको उतना ही राजनीतिक लाभ होगा। लेकिन सच्चाई यह भी है कि ऐसे लोग जमीन से कट चुके हैं।'  मोदी ने कहा, '... इन्हें अंदाजा ही नहीं है कि संत कबीर, महात्मा गांधी और बाबा साहेब को मानने वाले हमारे देश का मूल स्वभाव क्या है। कबीर कहते थे कि अपने भीतर झांकों तो सत्य मिलेगा लेकिन इन्होंने कबीर को कभी गंभीरता से पढ़ा ही नहीं।' 

उन्होंने कहा कि ऐसे दलों और उनके नेताओं का जनता एवं समाज के विकास पर नहीं बल्कि अपने आलीशान बंगले पर मन लगा हुआ है। उन्होंने कहा, 'मुझे याद है जब गरीब और मध्यम वर्ग को घर देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू हुई तो पहले वाली सरकार (सपा सरकार) का रवैया क्या था। हमारी सरकार ने तमाम पत्र लिखे, अनेक बार फोन पर बात की ... लेकिन वो ऐसी सरकार थी जिसको अपने बंगले में रूचि थी।'  मोदी ने सपा—बसपा और कांग्रेस पर हमला जारी रखते हुए कहा कि जब से योगी की सरकार आयी, उसके बाद उत्तर प्रदेश में गरीबों के लिए रिकार्ड घरों का निर्माण किया जा रहा है। कबीर ने सारी जिन्दगी उसूलों पर ध्यान दिया। उन्होंने मौत का मोह नहीं किया लेकिन गरीबों को झूठा दिलासा देने वाले समाजवाद और बहुजन का सत्ता के प्रति लालच भी आज हम भलीभांति देख रहे हैं। दो दिन पहले ही देश में आपातकाल के 45 साल हुए थे। सत्ता का लालच ऐसा है कि आपातकाल लगाने वाले और उस समय उसका विरोध करने वाले आज कंधे से कंधा मिलाकर कुर्सी झपटने की फिराक में घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे दलों को देश नहीं, समाज नहीं सिर्फ अपने और अपने परिवार के हित की चिन्ता है। 'गरीब, वंचित, शोषित, दलित, पिछड़ों को धोखा देकर अपने लिए करोड़ों के बंगले बनाने वाले ... भाइयों और रिश्तेदारों को करोड़ों अरबों की संपत्ति का मालिक बनाने वाले ऐसे लोगों से उत्तर प्रदेश ओर देश की जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।'  मोदी ने कहा, 'आपने तीन तलाक के विषय में इन लोगों का रवैया देखा है। देश भर में मुस्लिम समाज की बहनें आज तमाम धमकियों की परवाह ना करते हुए तीन तलाक हटाने की लगातार मांग कर रही हैं। लेकिन ये राजनीतिक दल, सत्ता पाने के लिए वोट बैंक का खेल खेलने वाले लोग संसद में तीन तलाक बिल पारित होने में रोडे अटका रहे हैं। ये लोग अपने हित के लिए समाज को हमेशा कमजोर रखना चाहते हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि इस बात का अफसोस है कि आज कई परिवार खुद को जनता का भाग्यविधाता समझ कबीर की बातों को पूरी तरह नकारने में लगे हैं। वे भूल गये हैं कि हमारे संघर्ष और आदर्श की बुनियाद कबीर जैसे महापुरूष हैं। मोदी बोले, कबीर ने रूढियों पर सीधा प्रहार किया था। मनुष्य—मनुष्य में भेद करने वाली हर व्यवस्था को चुनौती दी थी। दबा कुचला वंचित शोषण का शिकार ... कबीर उसे सशक्त बनाना चाहते थे। वो उसे याचक बनाकर नहीं रखना चाहते थे। कबीर खुद श्रमजीवी थे। वह श्रम का माहात्म्य समझते थे लेकिन आजादी के इतने वर्षों तक हमारे नीति निर्माताओं ने कबीर के इस दर्शन को नहीं समझा। गरीबी हटाने के नाम पर वो गरीबों को वोट बैंक की सियासत पर आश्रित करते रहे। बीते चार वर्ष में हमने इस रीति नीति को बदलने का भरसक प्रयास किया है। हमारी सरकार गरीब दलित पीड़ित शोषित वंचित महिलाओं को, नौजवानों को सशक्त करने की राह पर चल रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कबीर के कालखंड में मगहर को उसर और अभिशप्त माना गया था, उसी प्रकार आजादी के इतने वर्ष तक देश के कुछ ही हिस्सों तक विकास की रोशनी पहुंच पायी है। एक बहुत बड़ा हिस्सा अलग-थलग महसूस कर रहा था। कबीर ने जिस तरह मगहर को अभिशाप से मुक्त किया, उसी तरह हमारी सरकार का प्रयास देश की एक-एक जमीन को विकास की धारा से जोड़ने का है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया मगहर को संत कबीर की निर्वाण भूमि के रूप में जानती है लेकिन आजादी के इतने वर्ष बाद यहां भी स्थिति वैसी नहीं है, जैसी होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मगहर को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र में सदभाव और समरसता के केन्द्र के रूप में विकसित करने का कार्य अब हम तेज गति से करने जा रहे हैं। भाषण की शुरूआत स्थानीय भाषा भोजपुरी से करने वाले मोदी ने भाषण का समापन तीन बार 'साहिब बंदगी' बोलकर किया। जनसभा से पहले मोदी ने संत कबीर की मजार पर चादर चढायी। पुष्प अर्पित किये। उन्होंने संत कबीर अकादमी का शिलान्यास भी किया।

कोई टिप्पणी नहीं: