योजनाओं की झोली खोल दें सरकार या पुनर्वासित कर दें सरकार
पटना (आर्यावर्त डेस्क) 20 जून , पूर्व मध्य रेलवे परियोजना से विस्थापित टेसलाल वर्मा नगर के वंचित समुदाय के लोगों को पुनर्वासित नहीं किया गया. इसके बाद एम्स से दीघा तक एलिवेटेड रोड निर्माण होने से महादलित विस्थापित हो गये.अब दीघा से आर ब्लॉक तक रेल खंड के किनारे रहने वाले विस्थापित हो रहे हैं.उनको पुनर्वासित करने का प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. खैर, बिहार सरकार का सपना साकार होने जा रहा है.बड़े भाई पूर्व रेलमंत्री व राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के प्रयास से पटना-दीघा रेलखंड को चालू कराया जा रहा है.अब बड़े भाई के रेलखंड को हटवाकर छोटे भाई नीतीश कुमार छह लाइन सड़क व मेट्रों लाइन बनाने का प्रस्ताव अमल करने लगे हैं. बताते चले कि अंग्रेजों ने दीघा से पटना तक मालवाहक रेल खंड बनाया था. बतौर इसका उपयोग आजादी के बाद की सरकार भी करनी शुरू कर दी. बाद में पूर्व रेलमंत्री ने जनता को उपहार सवारी गाड़ी चलाकर दिया.समय सारणी के कारण प्रभावशाली साबित नहीं हुई. अब 150 वर्ष पुरानी इस रेल खंड पर सड़क निर्माण होगा. इससे धर्मसंकट में पड़ गये हैं रेल खंड के किनारे रहने वाले महादलित व अन्य लोग. सब के सब विस्थापित हो जाएंगे. वैकल्पिक व्यवस्था सरकार नहीं करने जा रही है.सरकार के पास योजनाओं का अम्बार है,परंतु इन योजनाओं की झोली खोलने नहीं जा रही है. रेलमंत्री पीयूष गोयल की सहमति से आर ब्लॉक -दीघा के बीच 150 साल पुरानी रेल खंड की छह किलोमीटर लम्बी और तीस मीटर चौड़ी जमीन पर सड़क व मेट्रो लाइन निर्माण संभव होगा. पूर्व में रेलवे ने आर ब्लॉक -दीघा रेल लाइन की 71.253 एकड़ जमीन का मूल्य 896 करोड़ रू.तय किया था.लेकिन केंद्र में राज्य की सरकार बनने के बाद इसके पुनर्मूल्यांकन के बिहार सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया.इसके आधार पर पुनर्मूल्यांकित दर 221.72 करोड़ तय किया गया है.आर ब्लॉक से दीघा की दूरी न केवल दो किलोमीटर कम हो जायेगी,बल्कि समय की भी बचत होगी.साथ ही करीब 12 मुहल्लों के वासियों को दीघा -आर ब्लॉक आने-जाने में सहुलियत होगी.
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