बिहार : 5 दिवसीय गो रूर्बन शिविर का समापन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 13 जून 2018

बिहार : 5 दिवसीय गो रूर्बन शिविर का समापन

  • शहर की युवतियों ने बैगा आदिवासी की समस्या को हल करने का किया वादा.

training-session-ektaa-parishad
पटना (आर्यावर्त डेस्क) 13 जून, एकता परिषद और अंश हैप्पीनेस सोसायटी द्वारा आयोजित "गो रूर्बन फॉर वीमेन" पांच दिवसीय शिविर के समापन के अवसर पर शिविर के दौरान उभर कर आए मुद्दों को लेकर गांव वासियों से शहर की युवतियों ने सीधा संवाद किया। इस संवाद में भोपाल यूनियन बैंक से आयी प्रतिभागी सीमा बजाज ने अपने गांव भ्रमण के दौरान बैंक के द्वारा किए जा रहे अवैध कामो के बारे में बताया जिसमे प्रधानमंत्री आवास योजना एवं अन्य बैंक संबंधित लेनदेन में बैंक कर्मचारियों द्वारा 30 से 40 प्रतिशत तक पैसा काटे जाने की जानकारी मिली।  बेंगलुरु से आयीं एम ए डेवेलपमेंट छात्रा प्रेरणा केतवास ने वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में हो रही गड़बड़ियों को उजागर किया जिसमें रंजरा गांव के 18 परिवारों को मिले पट्टे पर कलेक्टर ने हस्ताक्षर नहीं किया है। बैगा आदिवासियों के लिए अधिकार पत्र उनके जीवन के लिए एक मत्वपूर्ण दस्तावेज है इतने मत्त्वपूर्ण दस्तावेज को प्रशासनिक अधिकारियों ने एक कागज के टुकड़े के बराबर भी महत्व नहीं दिया।  इसके अलावा और भी गंभीर मुद्दे निकल कर आये जैसे आधार कार्ड में अनियामितता, बिना कनेक्शन बिजली बिल थोपा जाना, मनरेगा और भी कई मुद्दों के बारे में चर्चा की। इन मुद्दों को लेकर प्रशासन के साथ सभी स्तरों पर सम्वाद कर विशेष ध्यानाकर्षण की पहल करने का वादा गो रूर्बन कैम्प की महिला प्ररिभागियों ने किया।  शिविर के दौरान प्रतिभागियों ने गांव का भ्रमण कर के बैगा आदिवासियों की संस्कृति जान ने के साथ साथ उनकी समस्याओं का भी अध्ययन किया, इसके अलावा श्रमदान के तहत रोज तीन घंटे गांव के हैंडपंपों के पास की गन्दगी की सफाई की। साथ ही रंजरा माध्यमिक विद्यालय को पेण्ट कर के सजाया गया। गो रूर्बन शिविरार्थियों ने 13 जून को सुबह रंजरा से मिली हुई सीखों को अपने जीवन में उतारने के बारे में चिंतन किया और कम संसाधनों में भी खुशहाल जिंदगी जीने का मंत्र को इस शिविर की सफलता माना।

कोई टिप्पणी नहीं: