बिहार : चारू मजूमदार की शहादत दिवस पर फासीवाद ताकतों को हराने का लिया संकल्प. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 28 जुलाई 2018

बिहार : चारू मजूमदार की शहादत दिवस पर फासीवाद ताकतों को हराने का लिया संकल्प.

Charu-majumdar
पटना (आर्यावर्त डेस्क) 28 जुलाई, भाकपा-माले के संस्थापक महासचिव का. चारू मजूमदार की शहादत दिवस पर आज पटना स्थित राज्य कार्यालय सहित पूरे बिहार में पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. राज्य कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, वरिष्ठ नेता रामजतन शर्मा व केडी यादव, राजाराम, मीना तिवारी, सरोज चैबे, संतोष सहर, विधायक सुदामा प्रसाद, उमेश सिंह, संजय यादव, विभा गुप्ता, रिया, सुधीर कुमार, तारिक अनवर सहित कई पार्टी नेता कार्यकर्ता उपस्थित थे. सबसे पहले पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं शहीद काॅमरेड चारू मजूमदार को अपनी श्रद्वांजलि दी और उनके सपनों को साकार करने का संकल्प दुहराया. विदित हो कि आज ही के दिन 1972 में बंगाल में कांग्रेसी राज में काॅ. चारू मजूमदार की हत्या लाल बाजार पुलिस लाॅक अप में कर दी गई थी. श्रद्धांजलि सभा में पार्टी के वरिष्ठ नेता रामजतन शर्मा ने कहा कि चारू मजूमदार सबसे पहले स्वप्नद्रष्टा थे. उन्होंने भारतीय क्रांति की सही लाइन को सूत्रबद्ध किया और नए भारत के निर्माण के लिए मजदूर-किसानों के साथ-साथ छात्र-नौजवानों का आह्वान किया था. उनके पहले भारतीय समाज में बदलाव को लेकर एक उदासीनता थी, चारू मजूमदार ने उस उदासीनता को तोड़ा और राजनीतिक व सामाजिक बदलाव के रास्ते को प्रशस्त किया. राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि चारू मजूमदार की हत्या करके कांग्रेस सहित शासक दलों ने सोचा था कि भारत में क्रांतिकारी कम्युनिस्टों की धारा कुचल दी गई, लेकिन वे ऐसा करने में पूरी तरह असफल रहे. वह दौर जनता के आंदोलनों के क्रूर दमन का दौर था. आज उससे भी एक क्रूर दौर हम देख रहे हैं जब देश की सत्ता में फासीवाद की काली ताकतों ने कब्जा जमा लिया है और देश की जनता के खिलाफ एक युद्ध छेड़ दिया है. ऐसी स्थिति में कम्युनिस्ट व वामपंथी विचारधारा को और मजबूत करने की आवश्यकता है. यही वह विचारधारा है जिस पर खड़े होकर फासीवादियों को मुकम्मल तौर पर पीछे धकेला जा सकता है. उनहोंने कहा कि आज भाजपा राज में देश का संविधान, लोकतंत्र सबकुछ खतरे में है. भीड़ हत्या इस सरकार की चारित्रिक विशेषता बन गई है और महिलाओं व दलितों के खिलाफ जैसे एक युद्ध छेड़ दिया गया है. ऐसी हालत में का. चारू मजूमदार की शिक्षायें हमारे लिए बेहद प्रेरणास्रोत का काम रही हैं. उन्होंने आह्वान किया कि यह देश दंगाइयों, बलात्कारियों, काॅरपोरट घरानों का नहीं है बल्कि मजदूर-किसानों व छात्र-नौजवानों का है. उन्होंने पूरी पार्टी की ओर से चारू मजूमदार को श्रद्धांजलि दी.

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