बिहार : आधार कार्ड में व्यापक सुधार की जरूरत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 जुलाई 2018

बिहार : आधार कार्ड में व्यापक सुधार की जरूरत

  • एक कन्या शिशु और तीन तरह का जन्म प्रमाण पत्र

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मसौढ़ी (आर्यावर्त संवाददाता) 30 जुलाई, । यहां पर हर तरह के लोग रहते हैं। इन लोगों के कारनामा विख्यात बनाता है अथवा कुख्यात बना देता है।ऐसे विचित्र लोगों का कारनामा प्रकाश में आया है।गर्भस्थ शिशु का आधार कार्ड बना दिया गया है। उसी जन्म लेने वाले शिशु को 5 माह के बाद का जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया है। यह सब ऐतिहासिक खामियां मिल रहा है मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का फार्म भरते समय। बताते चले कि एक  कन्या शिशु के परिजन के पास तीन तरह का कार्ड है। आधार कार्ड, टीकाकरण और जन्म प्रमाण पत्र।वास्तव में टीकाकरण कार्ड में अंकित जन्मतिथि 22.7.2016 ही सही है। जो विभिन्न तिथियों में टीका लेने की तिथि दर्शाता है। बी.सी.जी.देने की तारीख अंकित है।जो वास्तविक जन्म की तारीख प्रमाणित तौर पर आलोकित है।वहीं टीकाकरण कार्ड प्रशिक्षित ए.एन.एम.दीदी के द्वारा जारी और टीका देने की तारीख है। वहीं शिशु का आधार कार्ड निर्मित है उसमें जन्मतिथि 01.05.2016 दर्शाया गया है।उक्त अवधि में शिशु मां की गर्भ में थी। उदासीन आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका ने जन्म के पांच माह के बाद 15.12.2016 का जन्म प्रमाण पत्र बना डाला है

मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना 
25 अप्रैल 2016 के बाद जन्म लेने वाली दो साल की कन्या शिशु को  योजना से लाभ मिलेगा। बता दें कि लिंग अनुपात में लड़कियों की संख्या कम होती जा रही है। इसके आलोक में कन्या शिशु को बचाने की कवायद की जा रही है। इसमें परिजनों की जवाबदेही बढ़ा दी गयी है।उनको कुछ नियम को पालन करना ही पड़ेगा। परिजन को अव्वल सुरक्षित प्रसव करवाने में दिलचस्पी लेना होगा।उनको किसी अस्पताल/प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र में जाकर प्रसव करवाना चाहिए।उनको प्रसव के बाद मातृत्व लाभ योजना से लाभ मिलेगा। जन्म प्रमाण पत्र मिलेगा। कुछ टीका भी मिलेगा।दो साल ही निर्धारित है।हां बिहार सरकार ने लड़कियों के समग्र विकास के लिए पहली बार एक विशेष योजना शुरू की है, जिसका नाम 'मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना' है। इसमें बाल-विवाह को रोकने के लिए प्रोत्साहन राशि देने के प्रावधान के साथ ही लड़कियों को उच्च शिक्षा की तरफ प्रेरित करने का भी प्रावधान किया गया है।इसके अंतर्गत इंटर पास करने वाली अविवाहित लड़कियों को 10 हजार और ग्रेजुएट पास लड़कियों को 25 हजार रुपये दिया जायेगा। इस नयी योजना में अन्य कई तरह के विशेष फायदे भी पूरी तरह से महिलाओं को ध्यान में रखते हुए शुरू की गयी है।

इस योजना की ये खास बातें
मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत सूबे में किसी जाति, संप्रदाय और धर्म की कन्या के जन्म लेने पर उसे दो हजार रुपये दिये जायेंगे। ये पैसे अभिभावक के बैंक खाते में दिये जायेंगे। ये रुपये अभी भी खाते में दिये जाते हैं। इसके अलावा कन्या के एक वर्ष होने पर आधार से जोड़ने या उसका आधार कार्ड बनवा लेने पर एक हजार रुपये खाते में ट्रांसफर होंगे। बच्ची की उम्र दो वर्ष होने और टीकाकरण पूर्ण करा लेने पर फिर से दो हजार रुपये अभिभावक के खाते में चले जायेंगे। इस तरह जन्म से लेकर दो वर्ष होने तक अभिभावक के खाते में पांच हजार रुपये ट्रांसफर हो जायेंगे। इसके अलावा लड़की अविवाहित रहते हुए इंटर पास कर लेती है, तो उसे 10 हजार रुपये दिये जायेंगे। इसका मुख्य मकसद बाल-विवाह को रोकना है। इसके अलावा लड़की के स्नातक पास करने पर 25 हजार रुपये दिये जायेंगे, जिससे उच्च शिक्षा की तरफ उनकी रुचि बनी रहे।

योजना का यह मकसद
इस योजना का मुख्य मकसद राज्य में महिला-पुरुष के अंतर को कम करना और लिंग भेद को कम करना है। कन्याओं में मृत्यु दर को कम करने के अलावा वजन में गिरावट और कुपोषण को कम करना है।इसके अलावा सबसे मुख्य बिहार में शिशु मृत्यु दर खासकर बालिका मृत्यु दर को कम करना है। अभी राज्य में शिशु मृत्यु दर 38 है, जिसमें बालक का दर 31 और बालिकाओं की दर 46 है। इस योजना का कार्यान्वयन समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से करेंगे। प्रत्येक छात्रा को मिलेगी 60 हजार से ज्यादा राशि राज्य सरकार  की तरफ से जन्म से लेकर स्नातक तक बालिकाओं के लिए चलने वाली सभी तरह की योजनाओं से प्रत्येक बालिका को 60 हजार रुपये से ज्यादा का लाभ मिलेगा।इन्हें अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से इतने रुपये का लाभ प्राप्त होगा।

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