नयी दिल्ली , 10 जुलाई, अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने आज समलैंगिकता के मुद्दे से जुड़ी विभिन्न याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के सामने सुनवाई में पेश होने से खुद को अलग कर लिया। वेणुगोपाल ने कहा कि उन्होंने संबंधित विधि अधिकारी को इस बारे में जानकारी दी है जो प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ के सामने इस मामले को संभाल रहे हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि उन्हें यह भी नहीं पता कि इस मुद्दे पर सरकार का क्या रुख है। उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि चूंकि वह भादंसं की धारा 377 को फिर से अपराध की श्रेणी में लाने के 2013 के फैसले के खिलाफ दायर उपचारात्मक याचिका के संबंध में अदालत में पेश हुये थे , इसलिये वह सरकार का रुख रखने की स्थिति में नहीं है। वेणुगोपाल ने कहा , ‘‘ मैं इस मामले में अदालत के सामने पेश नहीं हो रहा क्योंकि मैं उपचारात्मक याचिका के समय पेश हुआ था। मैं अब अटार्नी जनरल के रूप में पेश नहीं हो रहा हूं। ’’
मंगलवार, 10 जुलाई 2018
समलैंगिकता मामले में शीर्ष अदालत में पेश नहीं होंगे अटार्नी जनरल
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