- ईसाई समुदाय द्वारा धार्मिक पक्षपात करने की मुहर न लगती
पटना. मां मुझे कूड़ादान में मत फेकों.विरान सड़क और झारी में मत फेको. इसी पालने में रख दो.कोई पहचान बताने की जरूरत नहीं है. जी हां,भारत में लाखों की संख्या में पालना रखा गया है. इस पलने में आकर पलने वालों पर निगरानी केंद्र और राज्य सरकार की नहीं है.जब झारखंड में बच्चों के बेचने की संख्या और खबर को मशालेदार बनाकर प्रस्तुत की गयी, तो केंद्रीय मंत्री को ख्याल आया.झटपट में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बच्चों के बेचने के स्कैंडल मामले में मिशनरीज के अंतर्गत आने वाले सभी चाइल्ड केयर चैरिटी होम्स की जांच के आदेश दे दिए.इस पर ईसाई समुदाय का सख्त एतराज है. ईसाई समुदाय का कहना है कि अगर जांच ही करनी है तो सिर्फ़ ईसाइयों की मदर टेरेसा की संस्था में ही जांच क्यों? जो झारखंड के रांची में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात शिशुओं को बेचने का आरोप है.इसी तरह का आरोप अन्य संस्थाओं पर लगता रहा है.मगर मेडम सक्रिय नहीं होती हैं? अब जबकि चुनाव 2019 सामने है.धार्मिक कार्ड खेलना शुरू हो गया है. ईसाई समुदाय ने भारत में अन्य धार्मिक संगठनों के लोगों के द्वारा बाल बालिका गृह चलाया जा रहा है तो उसकी भी जाँच हो. हमलोग माँग करते हैं.

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