- भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो सदस्य अमर, विधायक दल के नेता महबूब आलम, शशि यादव आदि नेताओं ने माला पहनाकर अनशनकारियों को अनशन पर बैठाया.
- अनशन में बड़ी संख्या में हो रही है पीड़ित परिवारों की भागीदारी.
पटना 24 जुलाई, पटना नगर निगम के तहत आने वाले गर्दनीबाग इलाके में बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए पिछले 50 वर्षों से रह रह गरीबों, भूमिहीनों व दुकानदारों को उजाड़े जाने के खिलाफ आज से गर्दनीबाग झुग्गी-झोपड़ी बचाओ - पर्यावरण बचाओ और भाकपा-माले पटना नगर कमिटी के संयुक्त तत्वावधान में दो दिनों का अनशन आरंभ हुआ. इलाके के लोकप्रिय माले नेता मुर्तजा अली, ऐपवा की स्थानीय नेता राधा देवी, ललिता देवी, सरस्वती देवी, हेमंती देवी और आइसा के नेता आकाश कश्यप व बाबू साहेब अनशन कर रहे हैं. अनशनकारियों को पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. अमर, विधायक दल के नेता काॅ. महबूब आलम, तरारी से माले विधायक सुदामा प्रसाद, ऐपवा की बिहार राज्य की सचिव काॅ. शशि यादव, खेग्रामस के बिहार राज्य सचिव काॅ. गोपाल रविदास, वरिष्ठ माले नेता काॅ. केडी यादव, राजाराम और पटना नगर के सचिव अभ्युदय ने फूल-माला पहनाया और कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की. अनशन विधानसभा के समक्ष गर्दनीबाग स्थल धरना स्थल पर चल रहा है. अनशनकारियों को माला पहनाने के उपरांत माले राज्य सचिव ने पीड़ित परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए भूमिहीनों, गरीबों और दुकानदारों को उजाड़ना कहीं से भी जायज नहीं है. हाइकोर्ट के निर्देश का सरकार खुल्लम खुला उल्लंघन कर रही है. ये गरीब लंबे समय से इस जमीन पर बसे हैं. क्या बिहार सरकार 278 एकड़ भूभाग में फैले इस भूखंड के 10 प्रतिशत हिस्से पर गरीबों के लिए भी आवासीय काॅलनी का निर्माण नहीं कर सकती है?
उन्होंने कहा कि यह कैसा मजाक है कि आदमियों को तो सरकार उजाड़ रही है लेकिन कब्रिस्तान, स्कूल, गिरिजाघर, पानी टंकी आदि के लिए जमीन छोड़ रही है. सवाल यह है कि यदि उक्त जमीन पर आदमी ही नहीं रहेंगे तो ये चीजें फिर किस काम की हैं. उन्होंने कहा कि हमें इस बात से कोई ऐतराज नहीं कि सरकार अपने पदाधिकारियों व कर्मचारियों के लिए गर्दनीबाग के इस भूखंड पर आवास बनाए लेकिन नीतीश कुमार को इसका जवाब देना होगा कि उनके इस तथाकथित स्मार्ट सिटी में दलित-गरीबों-भूमिहीनों के लिए कोई जगह होगी कि नहीं? उन्होंने कहा कि यदि सरकार स्थानीय लोगों की मांगों पर कार्रवाई नहीं करती है तो हमारी पार्टी इस विषय पर धारावाहिक आंदोलन चलाएगी.
उन्होंने अंत में कहा कि हमारी मांग है कि लोगों के उजाड़ने पर तत्काल रोक लगनी चाहिए. इस गर्मी और बरसात में लोग पेड़ के नीचे अपना जीवन गुजर बसर कर रहे हैं. पानी व बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है. यह बिलकुल गलत है. उन्होंने कहा कि सरकार गरीबों को जमीन आवंटित कर उनके लिए काॅलनियां करे और दुकानदारों के लिए भी नई दुकानों का निर्माण कराए ताकि वे अपनी रोजी-रोटी कमा सकें. विधायक दल के नेता महबूब आलम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि माले विधायकों ने पूरे इलाके का दौरा किया है. और 23 जुलाई को इन मसलों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की. हमने मुख्यमंत्री से मिलकर कहा कि गर्दनीबाग में गरीबों को उजाड़ने की कार्रवाई बिलकुल गलत है और इस पर अविलंब रोक लगनी चाहिए. उन गरीबों को भी इस भूभाग के 10 प्रतिशत हिस्से पर बसाया जाना चाहिए. इन भूमिहीनों के पास अन्यत्र कोई जमीन नहीं है और वे किराए के मकान पर अपना जीवन यापन नहीं चला सकते हैं. हमारी बातों को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से सुना है और उस पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है. लेकिन हम जानते हैं कि आज बिहार में भाजपा और जदयू मिलकर गरीब बसाओ नहीं बल्कि गरीब उजाड़ो अभियान चला रही है. इसलिए हमें आंदोलन के पहलू को मजबूती से पकड़े रहना है और इस इलाके के समस्त गरीबों से अपील है कि वे एकजुट होकर लड़ें. हमारी जीत निश्चित है. माले के लोकप्रिय स्थानीय नेता मुर्तजा अली ने कहा कि हम अपने अंतिम दम तक लड़ाई जारी रखेंगे. सरकार को पीछे झुकना होगा. इस मौके इनौस के राज्य सचिव नवीन कुमार, कोरस की समता राय, नसीम अंसारी, रामकल्याण सिंह, अशोक कमार, पन्नालाल, सामाजिक कार्यकर्ता दशरथ राय, इनौस नेता मनीष सिंह, सुधीर कुमार, ऐक्टू नेता आरएन ठाकुर, ऐपवा की नेत्री अनिता सिन्हा सहित सैकड़ो की संख्या में पीड़ित परिवार के लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम का संचालन माले के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र कुमार कर रहे हैं.

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