बंदूक टांगने वाले बहादुर सिंह के हाथों में हसुहा, और वह दस्यु से सत्याग्रही बन गया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 27 जुलाई 2018

बंदूक टांगने वाले बहादुर सिंह के हाथों में हसुहा, और वह दस्यु से सत्याग्रही बन गया

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जौरा: मध्य प्रदेश में स्थित  है जौरा।यहां पर है महात्मा गांधी आश्रम। इस आश्रम में रहते हैं स्व. चेउ जीगनदेह के पुत्र बहादुर सिंह। बहादुर सिंह हत्या करके चंबल घाटी में चले गये थे। वहां पर सर्पोटर की भूमिका में रहें। उनके सामने ही हजारों अपराधों को अंजाम दिया गया। आत्म समर्पण करने के बाद बंदुक टांगकर हाथ में हसुहा थाम लिये है। कल का दस्यु आज का सत्याग्रही बन गया है। आश्रम में रहते हैं बहादुर सिंह । उनकी पत्नी जांता देवी हैं। दोनों 3 लड़का और 2 लड़की हैं। अभी सभी रिजौनी गांव में रहते हैं। दस्यु बहादुर सिंह ने कहा कि उनके चचेरा भाई पत्तु कुशवाहा ने 10 बीघा जमीन हथिया लिया था। चचेरे भाई की हत्याकर  30 किलोमीटर की दूरी तयकर चंबल घाटी चले गये। वहां पर संगे मामा अरविलास कुशवाहा के गैंग में शामिल हो गये। चंबल में हजारों अपराधों में सर्पोटर रहा। 284 मर्डर, 352 अपहरण, 213 राहजनी आदि अपराध किये। 1972 से 1977 तक 5 साल ग्वालियर जेल में रहे। उनके साथ 654 दस्युओं ने 1977 में आत्म समर्पण किए।लोकनायक जयप्रकाश नारायण ,युवा नेता डॉ.एस.एम.सुब्बा राव व डॉ.पी.व्ही.राजगोपाल ने दिशा परिवर्तन करवाने में कामयाबी हासिल किया। सरकार ने 30  बीघा जमीन दी। नगद 2500 रू.भी दिये।

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