दिल्ली सरकार ने अधिकारियों की नियुक्ति के अधिकार अपने हाथों में लिए - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 5 जुलाई 2018

दिल्ली सरकार ने अधिकारियों की नियुक्ति के अधिकार अपने हाथों में लिए

delhi-government-take-charge-or-posting
नई दिल्ली, 4 जुलाई, शीर्ष अदालत का फैसला अपने पक्ष में आने के कुछ घंटों बाद दिल्ली सरकार ने बुधवार को कहा कि वह उपराज्यपाल से आईएएस और अन्य अधिकारियों के तबादले और उनकी नियुक्ति का अधिकार वापस अपने हाथ में ले रही है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, "दो साल पहले उच्च न्यायालय के आदेश के तहत, दिल्ली की निर्वाचित सरकार से अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति की शक्ति उपराज्यापल और अन्य अधिकारियों को दे दी गई थी।" उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया, "सेवा मंत्री होने के नाते, मैंने अब इस प्रणाली को तत्काल प्रभाव से बदलने का आदेश दिया है और इसे वापस मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को सौंपा जाएगा।" अब तक जारी प्रणाली के मुताबिक, आईएएस अधिकारियों, दानिक्स अधिकारियों और अखिल भारतीय सेवाओं के समतुल्य अधिकारियों को स्थानांतरित और नियुक्त करने की शक्ति उपराज्यपाल के पास निहित थी। ग्रेड 1 और 2 डीएएसएस कर्मचारियों, निजी सचिवों और वरिष्ठ व्यक्तिगत सहायकों को स्थानांतरित करने और तैनात करने की शक्ति मुख्य सचिव के पास निहित थी। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय की एक संविधान पीठ ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली में वास्तविक शक्ति निर्वाचित प्रतिनिधियों के पास है।

कोई टिप्पणी नहीं: