नई दिल्ली, 4 जुलाई, सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को रियल एस्टेट कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स से कहा कि रिफंड मांगने वाले घर खरीदारों को भुगतान के लिए 600 करोड़ रुपये जमा कराए जाएं। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाय. चंद्रचूड़ की पीठ ने जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड जेएआई की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एफ.एस. नरीमन से कहा कि वह 1,000 करोड़ रुपये के बदले 600 करोड़ रुपये अदालत की रजिस्ट्री के पास जमा करने के मुद्दे पर कंपनी से निर्देश लेकर आएं। जेएएल इसके पहले 1,000 करोड़ रुपये जमा करने में नाकाम रही थी। पीठ ने कहा कि जेएएल द्वारा यह धनराशि जमा किए जाने के बाद इलाहाबाद स्थित राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से कहा जाएगा कि वह जेएएल की सहयोगी कंपनी, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) के पुनर्गठन संबंधित कंपनी की याचिका पर तेजी से विचार करे। पीठ ने इसके पहले 16 मई को जेएएल से कहा था कि वह रजिस्ट्री के पास 15 जून तक 1,000 करोड़ रुपये जमा कराए, ताकि परेशान घर खरीदारों को प्रमुख राशि का भुगतान किया जा सके। यह राशि जमा किए जा चुके 750 करोड़ रुपये के अतिरिक्त थी। इस दौरान जेआईएल के खिलाफ परिसमापन कार्रवाई स्थगित रहेगी। पीठ ने कहा था कि यदि यह धनराशि नहीं जमा कराई गई तो जेआईएल के खिलाफ दिवाला की कार्रवाई शुरू की जाएगी। न्यायालय को बुधवार को बताया गया कि 1,000 रुपये जमा नहीं कराया जा सकता। घर खरीदारों की प्रमुख राशि के भुगतान के लिए 750 करोड़ रुपये पहले ही जमा कराया जा चुका है और अतिरिक्त 600 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इस पर पीठ ने जेएएल से कहा कि धनराशि का भुगतान कर कंपनी अपनी प्रामाणिकता स्थापित करे, और इसके साथ ही निर्देश दिया कि 600 करोड़ रुपये जमा करने के कंपनी के रुख के बारे में सुनवाई की अगली तिथि 13 जुलाई को अदालत को सूचित किया जाए।
गुरुवार, 5 जुलाई 2018
घर खरीदारों को रिफंड के लिए 600 करोड़ रुपये जमा करे जेपी एसोसिएट्स
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