कविता : कायनात सारी मिल जायेगी, एक पहल तो करनी होगी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 30 जुलाई 2018

कविता : कायनात सारी मिल जायेगी, एक पहल तो करनी होगी

समझना होगा, दुनिया की चाल को,
बदलना होगा, खुद से अपने हालात को।
ठोकर खाकर ही इंसान संभलता है,
ठोकर समझकर ही, भूलना होगा हर हार को।
कायनात सारी मिल जायेगी,......................................

डरों को दबाना होगा, हौंसला दिखाना होगा,
चाहिए, तुम्हें सब, तो तुम्हे खुद को ही... हराना होगा।
तोड़नी होगी हर जंजीर, जो रोके तुम्हें बढ़ने से,
सपना पाना है तो, पहले खुद को... सपना दिखाना होगा।
कायनात सारी मिल जायेगी,......................................

इंसान वो आग है, जो ठान ले, तो बढ़े चले,
सभी कठिनाईयों को पार कर, तुम्हें ये दिखलाना होगा।
खुद की बेड़ियां हो तुम खुद, खोल दो इन्हें आज,
बस, एक कदम हिम्मत करो, फिर ये जमाना तुम्हारा होगा।
कायनात सारी मिल जायेगी,......................................

आज वादा करो खुद से, अब नहीं डरोगे,
बहुत तुमने सह लिया, अब नहीं सहोगे।
जो ठाना है दिल में, वो अब करना जरूरी है...................
बस, एक शुरूआत जरूरी है
कायनात सारी मिल जायेगी,......................................


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- सीए सुनील गोयल
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