दुमका (अमरेन्द्र सुमन) उप राजधानी दुमका (पंचायत रानीबहाल) के मुड़ जोड़ा गांव में समाज कल्याण मंत्री ने नदी महोत्सव सह वृहत वृक्षारोपन अभियान में भाग लेकर वृक्षों के प्रति सजग रहने का महत्वपूर्ण संदेश दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि झारखण्ड की पहचान जंगलों से ही है। हमें अपनी पहचान बचाने की जरूरत है। प्रकृति का यह अमूल्य धरोहर है। लोगों से अपील करते हुए कहा कि अपने जीवन काल में खुशी के मौके पर एक-एक वृक्ष अवश्य लगायें। पेड़ के अपने अलग फायदे हैं। पर्यावरण संरक्षण एवं धरती को हरा-भरा रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक दिन वृक्ष लगाने से कुछ नहीं होगा। जिस गति से वृक्षों की कटाई हो रही है। आने वाले दिनों में निष्चित रूप से हमारे सामने यह एक बड़ी समस्या के रूप में होगी। शुद्ध हवा, पर्याप्त पानी, व स्वच्छ वातावरण के लिए वृक्ष लगाना आवष्यक है। वृक्ष ही धरती का श्रृंगार है और धरती की श्रृंगार को बचाने के लिए सरकार द्वारा वृहत वृक्षारोपण अभियान पूरे राज्य में चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस चिलचिलाती धूप में हर कोई पेड़ की छांव को ढूंढता है, लेकिन कोई भी वृक्ष नहीं लगाना चाहता। वृक्ष हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। इसके बिना एक सुखद एवं खुषहाल जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। हम सभी को जागरूक होकर आज यह प्रण लेने की जरूरत है कि हम सभी वृक्ष लगायेंगे। उसकी देखभाल करेंगे तथा लोगों को भी वृक्ष लगाने के प्रति जागरूक करेंगे। आज हमारे सामने पर्यावरण से संबंधित कई सारी समस्यायें है। हमारे आदिवासी समाज के लोग वृक्षों की पूजा करते है। उन्हें वृक्षों की महत्ता को बताने की जरूरत नहीं है। उन्हें पता है कि वृक्ष हमारे जीवन में अत्यन्त ही महत्वपूर्ण है। वृक्षों के कम होने से जल स्तर भी नीचे जा रहा है जिससे पेय जल की समस्या उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा कि साथ ही पेड़ की कटाई होने से मिट्टी भी बह जाया करते हैं। इस दौरान उन्होंने फलदार औषधीय वृक्ष तथा अन्य वृक्ष को लगाया। एनसीसी के बच्चे तथा बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों ने भी वृक्षारोपण कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जगरूक करने का एक बेहतर संदेष समाज के समक्ष प्रस्तुत किया। इस अवसर पर पारंपरिक रिति रिवाज से माननीय मंत्री का स्वागत किया गया। इस अवसर पर संबंधित अधि कारी तथा स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
सोमवार, 2 जुलाई 2018
दुमका : जंगल, पहाड़ से ही झारखण्ड की पहचान: डाॅ0 लुईस मरांडी
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