पटना (आर्यावर्त डेस्क) 2 जुलाई, माले राज्य सचिव कुणाल ने सरकार द्वारा बालू निकासी पर लगाई गई राक को पूरी तहर गलत करार दिया है और कहा है कि पिछले साल के अनुभव से भी सरकार ने केाई सबक नहीं लिया है. पिछले साल बालू निकासी पर लगी रोक की वजह से लाखों बालू व निर्माण मजदूरों के सामने गंभीर संकट उपस्थित हो गया था. उनमें कई परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गये थे और उसका असर पूरे बिहार में पड़ा था. एक बार फिर सरकार ग्रीन ट्रिब्यूनल के तहत मछलियों के प्रजनन का हवाला देकर बालू निकासी पर रेाक लगा रही है. चंूंकि जुलाई से लेकर सितंबर तक मछलियों का प्रजनन काल होता है इसलिए कहा जा रहा है कि इस समय बालू निकासी का काम नहीं हो सकता. लेकिन यह तथ्य सत्य से परे है. मछलियां प्रजनन किराने पर ही करती हैं जबकि बालू निकासी का कार्य बीच नदी से होता है. बालू पर सैंकड़ों मजदूर परिवार निर्भर हैं. इसी से उनकी रोजी रोटी चलती है. इसके बिना वे भूख से मरने को मजबूर हो जाएंगे. इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई है. ऐसी हालत में बालू निकासी पर रोक लगाना पूरी तरह गलत है. माले राज्य सचिव ने कहा कि ग्रीन ट्रिब्यूनल को अपने निर्देश पर फिर से विचार करना चाहिए और बालू निकासी पर लगी रोक के आदेश को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए.
सोमवार, 2 जुलाई 2018
बिहार : बालू निकासी पर रोक पूरी तरह गलत, मजदूरों के सामने होगा संकट: माले
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