दरभंगा (आर्यावर्त डेस्क) 05 जुलाई, : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने आज यहां कहा कि सेवा निवृति के समय ही उसका लाभ समय से मिल सके. उसके लिए विश्वविद्यलाय कृत संकल्पित है. कुलपति आज अवकाश प्राप्त लोगों के लिए विश्वविद्यालय में पेंशन अदालत में अपने विचार रख रहे थे. कुलपति की मंशा थी कि अवकाश प्राप्त शिक्षाकर्मियों को सेवांत लाभ तुरंत मिले. इसके लिए उन्होंने पेंशन अदालत का आयोजन कराया था, लेकिन अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही के कारण कुलपति की मंशा सफल नहीं हो सकी. यद्यपि पेंशन अदालत के लिए काफी प्रचार-प्रसार किया गया था. जिसके कारण 170 आवेदन प्राप्त भी हुए थे. पर निवटारा महज 23 आवेदन पर हुआ. इनलोगों को पेंशन, परिवारिक पेंशन, ग्रेच्युटी और अर्जित अवकाश से संबंधित स्वीकृति के कागजात हस्तांतरित किये गये. वैसे कुलपति ने पुन: 5 अगस्त 2018 को पेंशन अदालत लगाने की आज ही घोषणा कर दी. वैसे विश्वविद्यालय के सूचना पदाधिकारी विज्ञप्ति जारी कर कहते हैं कि विश्वविद्यालय ने इतिहास रच दिया है. वे तो कहेंगे ही, लेकिन सवाल उठता है कि पेंशन अदालत ने मिले आवेदनों का निवटारा क्यों नहीं हुआ, इसके लिए कौन जबवादेह हैं. अदालत के दिन से पहले वरीय अधिकारियों ने मोनेट्रिंग किया या नहीं, यह भी अहम सवाल है. वैसे यह भी सच्चाई है कि एक चना भार नहीं फोड़ सकता. यही कारण है कि अगर जबतक विश्वविद्यालय में अधिकारी व कर्मी अपनी पूरी ऊर्जा का उपयोग नहीं करेंगे, तो कुलपति चाह कर भी कुछ नहीं कर सकेंगे और इसकी चर्चा आम लोगों में भी होने लगी है. कार्यक्रम में कुल सचिव मुश्तफा कमाल अंसारी, वित पदाधिकारी विनोद कुमार, पेंशन पदाधिकारी डॉ. जफर आलम मौजूद थे.
शुक्रवार, 6 जुलाई 2018

दरभंगा : LNMU के पेंशन अदालत में 170 आवेदन में से मात्र 23 का निवटारा
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